वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत मिल गई है. 13 महीनों बाद वे जेल से रिहा कर दिए गए हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद ये स्पष्ट हो चुका था कि अनिल देशमुख जल्द ही जेल से रिहा कर दिए जाएंगे. सीबीआई की स्टे वाली याचिका को खाजिर किया गया था, ऐसे में देशमुख को ये राहत मिलना तय था.
जेल से रिहा हुए देशमुख
अब बुधवार दोपहर को अनिल देशमुख ऑर्थर रोड जेल से बाहर आ गए हैं. एनसीपी नेताओं ने उनका स्वागत किया है, कई कार्यकर्ता भी मौके पर जश्न मनाते देखे गए. जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें अनिल देशमुख भी खासा खुश हैं. उन्हें इस बात की राहत है कि वे आखिरकार जेल से बाहर आ गए हैं. जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने कहा है कि परमबीर सिंह ने कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया था, उसमें कहा गया कि दूसरों से सुनी बातों के आधार पर आरोप लगाए गए, उनके पास कोई सबूत नहीं.
Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh is released from Arthur road jail in Mumbai. pic.twitter.com/a3OKktDrq8
— ANI (@ANI) December 28, 2022
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी देशमुख की रिहाई के बाद प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि सत्ता का दुरूपयोग कैसे होता है इसकी सही मिसाल अनिल देशमुख, कोर्ट ने दिया नतीजा यह अनिल देशमुख पर अन्याय करने वालो को सद्बुद्धि देने और उनके धोरण में बदलाव करने के लिए फायदेमंद रहेगा यह उम्मीद.
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने तो 12 दिसंबर को ही अनिल देशमुख को जमानत दे दी थी. लेकिन तब सीबीआई अपनी आगे की कार्रवाई कर सके, इसलिए एजेंसी को भी 10 दिन का समय दिया गया था. उन दस दिनों तक देशमुख को जेल में ही रहना था. उन 10 दिनों के अंदर सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी थी. वहां पर देशमुख की जमानत को चुनौती दी जानी थी. लेकिन क्योंकि छुट्टियों का दौर शुरू हो गया था, ऐसे में मामले की सुनवाई जनवरी से पहले संभव नहीं थी. तब सीबीआई ने फिर बॉम्बे हाई कोर्ट का ही रुख किया जहां से एजेंसी को झटका लगा और अनिल देशमुख का जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया.
क्या है ये पूरा कांड?
जानकारी के लिए बता दें कि इस वसूली कांड में अनिल देशमुख के पिछले साल नवंबर में गिरफ्तारी हुई थी. उस एक केस ने तब की महा विकास अघाड़ी सरकार को मुश्किलों में डाल दिया था. एक के बाद एक इतने आरोप लगे थे, सराकर के लिए जवाब देना मुश्किल साबित हो रहा था. असल में देशमुख पर आरोप था कि उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे.