महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार और वसूली के आरोप में देशमुख पर सीबीआई (CBI) की ओर से दर्ज FIR को रद्द करने से मना कर दिया है. महाराष्ट्र सरकार और अनिल देशमुख ने सीबीआई जांच के खिलाफ अपील की थी. हाईकोर्ट ने 12 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर गुरुवार को फैसला देते हुए FIR रद्द करने से इनकार कर दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने देशमुख और महाराष्ट्र सरकार की याचिका (Petition) को खारिज कर दिया. महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट रफीक दादा और देशमुख के वकील ने फैसले पर रोक की मांग भी की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे भी मानने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ये याचिका खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का रास्ता बचा है.
याचिका में क्या थी मांग?
महाराष्ट्र सरकार की ओर से दायर याचिका में CBI की FIR से दो पैरा हटाने की मांग की गई थी. इसके एक पैरा में लिखा था कि पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मुंबई पुलिस में 15 साल बाद सचिन वाजे की बहाली के बारे में पता था और वाजे को जांच के लिए संवेदनशील मामले दिए गए थे. जबकि, दूसरे पैरा में लिखा था कि देशमुख और अन्य लोगों ने पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले में अनुचित प्रभाव डाला है.
वहीं, अनिल देशमुख ने अपने ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार और वसूली के आरोपों पर चल रही CBI जांच को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि CBI जांच केवल देशमुख की छवि को धूमिल करने के लिए की जा रही है.
देशमुख की याचिका पर हाईकोर्ट ने 12 जुलाई और महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर 24 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज हाईकोर्ट ने अपना फैसला दिया.