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'BJP से हाथ मिलाना चाहिए...NCP नेताओं ने शरद पवार से कहा था', बोले अनिल देशमुख

NCP नेता अनिल देशमुख ने दावा किया है कि सीबीआई-ईडी जैसी एजेंसियों के डर से NCP के कुछ नेता बीजेपी से हाथ मिलाना चाहते थे. ये प्रस्ताव शरद पवार के सामने भी आया था. लेकिन उन्होंने इसकी रजामंदी नहीं दी थी.

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NCP नेता अनिल देशमुख (फाइल फोटो)
NCP नेता अनिल देशमुख (फाइल फोटो)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में हुई टूट पर पार्टी नेता और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का बयान आया है. उनका कहना है कि घर के आदमी ने पार्टी तोड़ी, इसका दुख शरद पवार को है.

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अनिल देशमुख ने यह भी दावा किया कि कुछ वक्त पहले पार्टी के नेताओं ने शरद पवार के सामने प्रस्ताव रखा था कि NCP को बीजेपी के साथ सरकार में शामिल हो जाना चाहिए. लेकिन शरद पवार ने इसके लिए साफ मना कर दिया था.

'ढाई साल पहले अगर मैं समझौता कर लेता...'

बातचीत में अनिल देशमुख ने कहा कि ढाई साल पहले अगर मैं समझौता कर लेता तो उसी वक्त MVA की सरकार गिर जाती और मुझे जेल भी नहीं जाना पड़ता. देशमुख ने दावा किया कि विरोधी पार्टी के कुछ लोगों ने मुझे एक एफिडेविट दाखिल करने के लिए प्रेशर डाला था लेकिन मैं इसपर राजी नहीं हुआ था.

अनिल देशमुख ने आगे दावा किया, 'मैं नहीं माना इसी वजह से परमबीर सिंह को मेरे खिलाफ उकसाकर एफिडेविट करने के लिए कहा गया. लेकिन असल में परमबीर ही अंटिलिया और मनसुख हिरन हत्या मामले का मास्टरमाइंड था.

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बताया शरद पवार से मुलाकात का किस्सा

बातचीत में आगे देशमुख ने कहा कि हम सब नेता मिलकर एक बार पवार साहब (शरद पवार) को मिलने गए थे. उस वक्त कुछ नेताओं ने ईडी-सीबीआई के दबाव के चलते बीजेपी के साथ जाने की बात कही थी. ऐसा प्रस्ताव शरद पवार के सामने रखा गया था, जिसपर शरद पवार ने रजामंदी नहीं दी थी.

देशमुख ने यह भी कहा कि अब अजित पवार के साथ मिलकर कुछ नेताओं ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया है. इसके पीछे भी एजेंसीज का प्रेशर है, क्योंकि इसकी चर्चा पहले से थी.

अनिल देशमुख ने कहा कि NCP के कितने MLA किसके साथ हैं यह तो बुधवार को पता चलेगा, जब शरद पवार ने मीटिंग बुलाई है. वह बोले कि हम सब मिलकर शरद पवार के साथ खड़े हैं.

क्या सुप्रिया सुले का कद बढ़ने से नाराज हुए अजित पवार?

देशमुख ने कहा कि सुप्रिया सुले का कद बढ़ा इसलिए अजित पवार ने पार्टी छोड़ी यह कहना गलत है, क्योंकि सीएम के बाद राज्य का सबसे बड़ा पद विरोधी पक्ष नेता का है, जो अजित पवार के पास था.

 

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