लोकपाल के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और देवेंद्र फडणवीस के अधिकारियों के बीच दो दिवसीय मीटिंग खत्म हो गई है. अन्ना हजारे ने अधिकारियों के साथ चली इस बैठक पर संतुष्टि जताई और कहा कि लोकपाल ड्राफ्ट पर कहा कि ड्राफ्ट सहीं ढंग से तैयार किया गया है.
अन्ना हजारे ने कहा कि सिर्फ दो मुद्दों पर समझौता नहीं हो सका है, जिस पर बातचीत अभी बाकी है. आने वाले अधिवेशन में लोकायुक्त का ड्राफ्ट पेश किया जाएगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्र की तरह फडणवीस ने लोकपाल बिल पर विचार करने के लिए देरी नहीं लगाई. तुरंत राज्य में लोकायुक्त पारित करने के लिए आश्वासन दिया था और जिसे देवेंद्र फडणवीस पूरा कर रहे हैं.
अन्ना हजारे ने कहा कि सूचना का अधिकार सबसे पहले महाराष्ट्र राज्य लागू हुआ था जिसके बाद देश में सूचना का अधिकारी लागू किया गया. अन्ना हजारे ने कहा के जैसे सूचना के अधिकार का महत्व देश को पहले समझ नहीं आया था, वैसे ही लोकायुक्त कानून का महत्व देशवासियों को समझ नही आ रहा. लेकिन महाराष्ट्र ने क्रांति की है और देश के सामने उदाहरण कायम होकर रहेगा.
अन्ना हजारे के मुताबिक, महाराष्ट्र में बनने वाला लोकायुक्त कानून भ्रष्टाचार के पक्के सबूत देने पर दोषी को सजा दे सकता है. साथ ही उन्होंने बताया है कि किसान को उपज का सही दाम मिले इसके लिए कृषि मंत्री, कृषि सचिव के साथ मिलकर एक समिति बनाई है और ये नई समिति तय करेगी कि किसान को उसकी फसल का सही मुआवजा कैसे मिले और उसके लिए केंद्र सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए.
गौरतलब है कि लोकपाल विधेयक राज्यसभा में 17 दिसंबर, 2013 में पारित हुआ था और लोकसभा में इसे 18 दिसंबर, 2013 को पारित कर दिया गया था. राष्ट्रपति ने एक जनवरी, 2014 को लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अपनी मुहर लगा दी थी.