सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर पाकिस्तान नहीं बदलता है और युद्ध करना पड़ता है तो वे भी जंग लड़ने बॉर्डर पर जाना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हमें नहीं लड़ना चाहिए, लेकिन अगर पाकिस्तान के रूख में बदलाव नहीं आता है तो ऐसा करना पड़ेगा.
खुद के ऊपर ही बन रही एक फिल्म से जुड़े कार्यक्रम में मुंबई पहुंचे अन्ना हजारे ने कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रखी. अन्ना हजारे ने कहा कि वे कश्मीर और उरी में रहे हैं. उन्होंने कहा कि उरी का अटैक काफी खौफनाक है.
उरी अटैक पर सरकार का किया समर्थन
अन्ना हजारे ने कहा कि वे उरी हमले पर सरकार की प्रतिक्रिया का समर्थन करते हैं. लेकिन अच्छे दिन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- इस बारे में आप मुझसे अच्छा जानते हैं कि अच्छे दिन आए या नहीं. अन्ना हजारे ने मराठा आंदोलन पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तानी कलाकारों को एमएनएस की ओर से मिली धमकी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि युद्ध और कला में अंतर होता है. दोनों को हमें अलग-अलग रखना चाहिए. आर्ट लोगों को प्रेरित करता है. अगर आर्ट का इस्तेमाल गलत रूप में होता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
अरविंद केजरीवाल पर क्या बोले
अन्ना हजारे ने कहा- 'मैंने अरविंद के त्याग और उनके काम को देखा है. मैं सोचता था कि एक आदमी है जो देश के लिए काम करेगा. लेकिन मैं नहीं जानता कि लोकपाल के बाद अरविंद को क्या हुआ. लेकिन अब मुझे लगता है कि उनके दिमाग में सत्ता घुस गया है. और देखिए कि अब उन्हें कितने मंत्रियों को निकालना पड़ रहा है. लेकिन ये मेरा नुकसान है और मैं दुखी हूं. अगर 2011 वाली हमारी टीम साथ होती तो आज देश की हालत कुछ और होती.'
कुपोषण से बच्चों की मौत पर भी उन्होंने अपनी राय रखी. अन्ना हजारे ने कहा कि ये शर्मनाक है कि आजादी के इतने सालों के बाद भी बच्चे ऐसे हालात में मर रहे हैं.