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राजनीतिक विकास के लिए भी RSS से जुड़ रहे लोग? इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सुनील आंबेकर ने दिया ये जवाब

कॉन्क्लेव के दौरान, आंबेकर से जबरन धर्मांतरण पर आरएसएस के विचारों और इस समस्या से निपटने के लिए संगठन द्वारा की जाने वाली पहलों के बारे में पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा कि "जबरन धर्मांतरण गलत है, चाहे किसी को लालच देकर हो या फिर झूठ बोलकर या डरा-धमकाकर. स्वाभाविक रूप से, जब भी यह सामने आता है, इसका विरोध किया जाता है और हम इसके खिलाफ बोलने वालों के साथ खड़े होते हैं.

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आरएसएस नेता सुनील आंबेकर
आरएसएस नेता सुनील आंबेकर

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आज बुधवार से दो दिन के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव की शुरुआत हो गई है. कॉन्क्लेव के पहले दिन 'RSS के लिए आगे क्या?' सेशन में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कई सवालों के जवाब दिए. इस दौरान उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की लोकसभा चुनाव के दौरान RSS को लेकर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे फैमिली मैटर बताया. 

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इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या कई लोग इसलिए भी संगठन में शामिल हो रहे हैं क्योंकि इससे उनके राजनीतिक विकास को बढ़ावा मिलेगा या उनकी राजनीतिक यात्रा को बढ़ावा मिलेगा? तो आंबेकर ने कहा कि जो लोग आरएसएस का हिस्सा बन रहे हैं, वे समाज में अच्छे काम करना चाहते हैं. 

उन्होंने कहा, "संघ का ट्रेनिंग बहुत कठिन है, आपको हर रोज़ शाखा में जाना पड़ता है, इसमें बहुत ज़्यादा शारीरिक व्यायाम और अनुशासन शामिल होता है. हमारे पास हर रोज़ बहुत से लोग आते हैं जो बहुत अच्छा काम करना चाहते हैं. हमारे पास आईटी सेक्टर से बहुत से लोग आते हैं जो दूसरों की सेवा करना चाहते हैं. अगर कोई व्यक्ति राजनीतिक लाभ के बारे में सोचकर हमारे साथ जुड़ता भी है, तो आरएसएस से जुड़ने के कारण वे अपने आप ही अच्छे काम करने लगते हैं. कुछ होते हैं जो दूसरे कामों में जुट जाते हैं, हमें उससे फर्क नहीं पड़ता." 

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धर्मांतरण मुद्दे को राजनीतिक रंग देना गलत: आंबेकर

कॉन्क्लेव के दौरान, आंबेकर से जबरन धर्मांतरण पर आरएसएस के विचारों और इस समस्या से निपटने के लिए संगठन द्वारा की जाने वाली पहलों के बारे में पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा कि "जबरन धर्मांतरण गलत है, चाहे किसी को लालच देकर हो या फिर झूठ बोलकर या डरा-धमकाकर. स्वाभाविक रूप से, जब भी यह सामने आता है, इसका विरोध किया जाता है और हम इसके खिलाफ बोलने वालों के साथ खड़े होते हैं. जहां भी यह समस्या उत्पन्न होती है, हम समाज के साथ मिलकर इसका समाधान करने के लिए इसके खिलाफ खड़े होते हैं और सभी कानूनी और आवश्यक विकल्पों पर विचार करते हैं. हालांकि, लोगों ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है, जो गलत है."

केजरीवाल के पांच सवालों पर दिया ये जवाब

केजरीवाल द्वारा आरएसएस से पांच सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है उनको राजनीति करनी चाहिए. राजनीति अपनी मेहनत से होती है. जमीन पर जाना पड़ता है. लोग आपकी मेहनत देखते हैं. उसी आधार पर वोट देते हैं. उसी को वो करें. ज्यादा फायदा होगा. संघ अपना काम करेगा. संघ का मानना है कि समाज के लोगों को हमेशा एकजुट रहना चाहिए. चाहे पॉलिटिकल सोच अलग-अलग हो. आज लोग समझ चुके हैं कि भारत की शक्ति एकजुटता में है. कुछ दिनों तक लोगों को भ्रमित किया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिए नहीं. संघ का काम है लंबे समय तक काम करने का तो हम 5 साल तक सरकार बनाने वाली पार्टियों की तरह नहीं सोचते.

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जातिगत जनगणना के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारे समाज में और खासकर हिंदू समाज में निश्चितरूप से कुछ लोग जाति के नाम पर बात करने के कारण पीछे रह गए. ये हमारे समाज की वास्तविक फॉल्ट लाइन है. सरकार अगर लोगों के वेलफेयर के लिए आंकड़े जुटाना चाहती है तो ये ठीक है. लेकिन इसका राजनीतिकरण करना और वोट बंटोरने के लिए इस्तेमाल करना बहुत गलत है.

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