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Aryan Khan case: महाराष्ट्र के मंत्री ने बताए वो 3 नाम जिन्हें रेड के बाद छोड़ा गया, बीजेपी कनेक्शन का दावा

Aryan Khan drugs case: नवाब मलिक ने कहा है कि पूरी रेड फर्जी थी. उन्होंने साथ ही ये भी मांग की है कि समीर वानखेड़े की कॉल डिटेल की भी जांच हो. नवाब मलिक ने ये भी दावा किया कि आर्यन खान के पास कुछ भी नहीं मिला.

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नवाब मलिक (फाइल फोटो)
नवाब मलिक (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नवाब मलिक ने एनसीबी की रेड को बताया फर्जी
  • कहा- समीर वानखेड़े के कॉल रिकॉर्ड की हो जांच

शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया है. क्रूज ड्रग्स केस (Mumbai Cruise Drugs case) में आर्यन खान की गिरफ्तारी पर सियासत गर्म है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नवाब मलिक (Nawab Malik) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनसीबी और बीजेपी पर हमला बोला है.

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नवाब मलिक ने क्रूज पर हुई रेड को ही फर्जी बता दिया है. नवाब मलिक ने कहा है कि पूरी रेड फर्जी थी. उन्होंने साथ ही ये भी मांग की है कि समीर वानखेड़े की कॉल डिटेल की भी जांच हो. नवाब मलिक ने ये भी दावा किया कि आर्यन खान के पास कुछ भी नहीं मिला. प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला उसे फंसाने के लिए वहां ले गए. इन दोनों को छोड़ भी दिया गया.

ये हैं वो तीन नाम

महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने ऋषभ सचदेवा की कम्बोज और परिवार के साथ तस्वीरें दिखाईं और कहा कि जिस क्रूज पर 1300 लोग थे, वहां से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. हमारे पास जानकारी ये है कि बीजेपी के स्थानीय और दिल्ली में बैठे नेताओं ने ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला की रिहाई के लिए फोन कॉल्स किए. समीर वानखेड़े को इस बात का जवाब देना होगा कि आखिर उन्हें क्यों छोड़ दिया गया. उन्हें छोड़ने से पहले उनसे क्या पूछताछ की गई?

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NCB का आया जवाब

एनसीबी के मुताबिक, क्रूज से हमने कई लोगों को हिरासत में लिया था, जिनके खिलाफ सबूत मिला, उन पर एक्शन लिया गया, जिनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला उनका बयान लिया गया और जाने दिया गया. एनसीबी ने कहा कि हमारी जांच अभी जारी है.

महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने पूरी रेड को सुनियोजित बताया और कहा कि इसे कुछ लोगों को फंसाने के लिए अंजाम दिया गया. समीर वानखेड़े के कॉल रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए. हमारा विश्वास है कि ऋषभ सचदेवा के पिता ने उसकी रिहाई के लिए फोन कॉल्स किए गए. नवाब मलिक ने केपी गोस्वामी की ओर से दो पंचनामों में दो अलग-अलग पते लिखवाने को लेकर भी निशाना साधा है.

 

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