अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के फोन कॉल से जुड़े विवाद के सिलसिले में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को रविवार को दो मोर्चे पर राहत मिली. एक ओर जहां पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है, वहीं मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस उनके बचाव में उतर आए.
पुलिस ने उन्हें क्लीनचिट देते हुए कहा कि खडसे के फोन से दाऊद को ना तो कोई कॉल किया गया, ना ही उस पर इस तरह का कोई कॉल ही आया. जबकि फडनवीस ने अपने सहयोगी का बचाव करते हुए आम आदमी पार्टी के आरोप को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया.
'न कॉल आया, न किया गया'
मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) अतुलचंद्र कुलकर्णी ने कहा, 'सेल फोन नंबर (खडसे का) की हमारी शुरुआती जांच में संकेत मिला कि सितंबर 2015 से अप्रैल 2016 के बीच इस नंबर से भगोड़े अपराधी दाऊद को ना तो कोई कॉल किया गया, ना ही उस पर उधर से कोई कॉल आया, जैसा कि 'आप' ने संवाददाता सम्मेलन में बताया था.'
AAP ने लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि 'आप' की प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने शनिवार को आरोप लगाया था कि खडसे को चार सितंबर 2015 से पांच अप्रैल 2016 के बीच दाऊद की पत्नी महजबीं शेख के फोन नंबर 021-35871639 से कई कॉल आए. मेनन ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने पुलिस से मामले की जांच करने को कहा था.
सीएम बोले- कोई अंतरराष्ट्रीय कॉल नहीं हुआ
खडसे ने आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज करते हुए कहा कि उनके उस फोन नंबर का पिछले एक साल से कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था. फडनवीस ने रविवार को कहा, 'एटीएस प्रमुख की रिपोर्ट बहुत साफ है. एकनाथ खडसे के मोबाइल फोन से ना तो भगोड़े गैंगस्टर को, ना ही किसी अन्य को कोई अंतरराष्ट्रीय कॉल किया गया या उस पर कोई कॉल आया. बगैर ठोस साक्ष्य के किसी वरिष्ठ मंत्री को निशाना बनाना उचित नहीं है.'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ऐसे कार्य की निंदा करती है और उम्मीद करती है कि राजनीति में मानदंडों को कायम रखा जाएगा.