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बदलापुर के आरोपी परिवार को सुरक्षा दी गई, दफनाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है: बॉम्बे हाई कोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि वह बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उसके शव को जल्द से जल्द दफनाने के लिए एकांत जगह की तलाश करे.

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बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि वह बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उसके शव को जल्द से जल्द दफनाने के लिए एकांत जगह की तलाश करे. बदलापुर यौन उत्पीड़न की घटना के समय अक्षय शिंदे के माता-पिता की ओर से पेश हुए वकील अमित कतरनवारे ने कहा कि जब बदलापुर यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी, तब आरोपी के पिता की पिटाई की गई थी और परिवार रेलवे प्लेटफॉर्म पर रह रहा था. कतरनवारे ने कहा, 'अभी भी धमकियां मिल रही हैं.'

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राज्य की ओर से पेश हुए मुख्य लोक अभियोजक वेनेगांवकर ने कहा, 'पुलिस अधिकारी पहले से ही उसके घर के बाहर तैनात हैं. वे पुलिस की निगरानी में हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोई अप्रिय घटना न हो. दफनाने के मुद्दे पर, हम बहुत कोशिश कर रहे हैं. मैं बहुत अधिक शब्दों में नहीं कहना चाहता, लेकिन वकील (कटरनवारे) द्वारा इस्तेमाल किए गए कुछ ऐसे शब्द हैं जिन्हें लोग अब नकार रहे हैं.'

जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति एम.एम. सथाये की पीठ ने कतरनवारे को लेकर कहा, 'हमें समझ में नहीं आता कि आपको (अदालत के बाहर) भाषण क्यों देना पड़ रहा है. खुद को सीमित रखें. हमारा प्रयास केवल सत्य तक पहुंचना है. आप अपने मुवक्किलों के हितों को खतरे में डालेंगे.' 

दफनाने की जगह के मुद्दे पर वेनेगांवकर ने कहा, 'हमें लगा कि वे परंपरा के अनुसार दफना रहे हैं. लेकिन वकील ने बयान दिया है कि वे केवल इसलिए दफना रहे हैं क्योंकि सरकार बदलने के बाद शव को निकाला जा सके और दोबारा जांच की जा सके. इसलिए लोग इसका विरोध कर रहे हैं.' 

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कतरनवारे ने इसका विरोध किया और कहा कि ये गलत बयान दिए जा रहे हैं. वेनेगांवकर ने कहा कि शिंदे के समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने इस मुद्दे पर काम करने का फैसला किया है. हालांकि पीठ ने कहा, 'किसी को भी यह तय करने का अधिकार नहीं है कि दाह संस्कार कैसे किया जाए. केवल माता-पिता ही यह तय कर सकते हैं.' 

वेनेगांवकर ने कहा कि जहां भी जमीन का टुकड़ा देखा जाता है और दफनाने के लिए चुना जाता है, वहां भारी भीड़ जमा हो जाती है और दफनाने की जगह का विरोध होता है. इस प्रकार पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि परिवार के केवल कुछ करीबी सदस्य ही दफ़नाने जाएंगे.

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