शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की आज पुण्यतिथि है. महाराष्ट्र की राजनीति के पुरोधा बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था. प्रखर राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व और मराठी अस्मिता के दम पर उन्होंने महाराष्ट्र में लंबे वक्त तक राजनीति की.
बाल ठाकरे जब तक सियासत में रहे बेबाक और बेखौफ बने रहे. वे अपनी बात दो टूक कहते. उनके बयानों ने उन्हें विवादास्पद भी बनाया. समाज के एक धड़े ने उन्हें कट्टर कहा तो एक समुदाय के लिए वे हिन्दू हृदय सम्राट भी रहे. 17 नवंबर 2012 को जब उनका निधन हुआ तो उनकी अंतिम यात्रा के मौके पर मुंबई थम गई. उनकी अंतिम यात्रा में लाखों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए निकले. आज उनकी 7वीं पुण्यतिथि के मौके पर मुंबई में लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
ठाकरे के सामने भी आया था NCP के साथ जाने का सवाल
बात 1999 की है. महाराष्ट्र में शिवसेना 1995 में सरकार बना चुकी थी. मनोहर जोशी और नारायण राणे महाराष्ट्र के सीएम रह चुके थे. इसके बाद महाराष्ट्र में चुनाव हो रहे थे. उस दौरान बाला साहेब का दिया इंटरव्यू आज काफी चर्चित हो रहा है. इसी इंटरव्यू में बाला साहेब से एक सवाल पूछा गया था कि अगर कोई मौका आता है तो क्या वे शरद पवार की एनसीपी के साथ जाना करना पसंद करेंगे.
Mumbai: Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray and his wife Rashmi Thackeray pay tribute to #BalasahebThackeray on his death anniversary, today. #Maharashtra pic.twitter.com/rVlx64NEX5
— ANI (@ANI) November 17, 2019
कुछ ऐसा था बाला साहेब का जवाब
बाला साहेब ठाकरे ने बेहद कड़वे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए इस सवाल का जवाब दिया था. बाला साहेब से इस इंटरव्यू में पूछा गया था, "सर क्या चुनाव के बाद एनसीपी के साथ जाने की कोई संभावना दिख रही है...कोई गठबंधन?" इस प्रश्न का जवाब देते हुए बाल ठाकरे ने कहा था, "राजनीति में क्या संभावनाएं...राजनीति के बारे में कहा जाता है कि ये दुष्टों का खेल है, अब ये एक शख्स को तय करना है कि वो या तो जेंटलमैन बना रहना चाहता है या फिर..." उन्होंने आगे कहा, "मैं ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं जाऊंगा, चाहे वो कोई भी हो..."
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1999 का वक्त, आज जैसे हालात
बाल ठाकरे से जब इंटरव्यू लिया जा रहा था उस वक्त किसी ने सोचा होगा कि 20 साल बाद शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के सामने ऐसा ही मौका आएगा जब उनके सामने एनसीपी को चुनने का विकल्प होगा. हालांकि, मौजूदा हालात सरकार गठन तक पहुंच गए हैं, जबकि उस वक्त चुनावी माहौल में संभावनाओं पर बाल ठाकरे से सवाल किया गया था. इस इंटरव्यू में आगे उनसे पूछा गया था कि अगर उन्हें कुछ सीटों की कमी हुई तो क्या वे एनसीपी का समर्थन लेना पसंद करेंगे. इसके जवाब में उन्होंने कहा, "कभी नहीं...कभी नहीं...एक व्यक्ति जो वाजपेयी की सरकार को गिराने के लिए जिम्मेदार है, आखिर ऐसे शख्स के साथ हम हाथ मिलाने की सोच भी कैसे सकते हैं...मेरा कहने का मतलब है कि मैं तो ऐसा कभी नहीं करूंगा, कभी नहीं...एक दुश्मन तो दुश्मन ही है."
'सरकारें गिराने में माहिर हैं शरद पवार'
बाल ठाकरे ने आगे इंटरव्यू में कहा कि एनसीपी नेता शरद पवार ने खुलेआम कहा था कि हां मेरी जिम्मेदारी थी कि सरकार गिरा दी जाए, मैंने वो कर दिया है...वो ऐसा करने में माहिर हैं. बाल ठाकरे ने कहा कि हमें डैमेज पहुंचाने के लिए वही शख्स जिम्मेदार है. उन्होंने कहा था कि अब जरा उन वोटर्स की सोचिए, क्या वो हमें नहीं कहेंगे कि आप जनता को धोखा दे रहे हैं. ठाकरे ने कहा था कि लोग हमें ये कहेंगे कि चुनाव प्रचार के दौरान आप तो उस पार्टी के बारे में इतनी सारी बुरी बातें कह रहे थे, अब आप हाथ मिला रहे हैं तो पहले ही एक क्यों नहीं हो गए.
यानी विचारधारा से समझौता कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने के सवाल शिवसेना की तरफ उठ रहे हैं, उस पर कभी बाल ठाकरे ने बहुत ही साफ लफ्जों में अपनी राय रखी थी और ऐसा करने को जनता के साथ धोखा करार दिया था. बहरहाल, महाराष्ट्र में तमाम राजनीतिक खींचतान के बीच आज हर कोई बाला साहेब ठाकरे को याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है.