महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव वाले दिन शिव सेना के मुखपत्र 'सामना' का प्रकाशन बंद करने की मांग की है. बीजेपी के इस मांग की तुलना आपातकाल से करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का भी मुंह बंद कराना चाहिए.
निष्पक्ष चुनाव के लिए 'सामना' पर बैन की मांग
महाराष्ट्र में चुनाव के दिन सामना का प्रकाशन बंद कराने के लिए बीजेपी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है. बीजेपी की मांग है कि 16, 20 और 21 फरवरी को निष्पक्ष चुनाव के लिए 'सामना' के प्रकाशन पर रोक लगाना जरूरी है क्योंकि शिवसेना के इस मुखपत्र प्रकाशन चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा.
शिवसेना पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप
बीजेपी की प्रवक्ता शालिनी कहती हैं कि सामना के औरंगाबाद संस्करण में पार्टी का प्रचार किया गया, जबकि जिला परिषद का चुनाव प्रचार बंद हो चुका है. महाराष्ट्र के 15 जिला परिषदों के लिए 16 फरवरी को चुनाव होने हैं, जिसके लिए प्रचार 14 फरवरी की शाम को ही बंद हो गया. शालिनी ने आरोप लगाया कि सामना के संस्करण में पार्टी का प्रचार सीधे-सीधे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है और इसलिए चुनाव आयोग को इस अखबार का प्रकाशन बंद कराना चाहिए.
शिवसेना के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग
बीजेपी की ये भी मांग है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए इस अखबार का प्रकाशन 16, 20 और 21 फरवरी को नहीं होना चाहिए. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर बीजेपी ने सामना के संपादक और शिवसेना के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
बेतुकी है बीजेपी की मांग:उद्धव
इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'बेतुकी है बीजेपी की मांग, क्या अपने पीएम और सीएम के बोलने पर रोक लगाएगी बीजेपी.' पुणे में एक सभा को संबोधित कर रहे उद्धव ने इस मांग की तुलना आपातकाल से कर एतराज जताया.