महाराष्ट्र के बीड जिले में स्थित एक मस्जिद में 30 मार्च को हुए विस्फोट के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार दो आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सख्त धाराएं लगा दी हैं. यह धमाका ईद-उल-फित्र की पूर्व संध्या पर एक जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुई कहासुनी के बाद हुआ था.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन मस्जिद के आंतरिक हिस्से को नुकसान पहुंचा था. विस्फोट में जिलेटिन की छड़ों का इस्तेमाल किया गया था.
पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों के भीतर दो स्थानीय युवकों विजय राम गव्हाणे (22) और श्रीराम अशोक सगड़े (24) को गिरफ्तार किया था. शुरुआत में इन दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 298 (किसी धर्म के अपमान के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना), धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर किए गए अपमानजनक कार्य) और धारा 196 (धर्म, जाति आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाने) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
जांच के दौरान पुलिस को ऐसे साक्ष्य मिले, जिससे यह मामला केवल सांप्रदायिक तनाव नहीं बल्कि एक आतंकी कृत्य के रूप में सामने आया है. इसके आधार पर अब पुलिस ने BNS की धारा 113 (आतंकी कृत्य) और UAPA की धाराएं 15 (आतंकी कृत्य ), 16 (आतंकी कृत्य के लिए सजा) और 18 (षड्यंत्र रचना) को भी जोड़ दिया है.
UAPA के तहत मामला दर्ज होने से आरोपियों को जमानत मिलना बेहद कठिन हो जाता है, क्योंकि यह कानून आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए बेहद कठोर है. फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तर पर जांच जारी है. इस घटना ने ईद जैसे पवित्र त्योहार से ठीक पहले इलाके में शांति व्यवस्था को चुनौती दी थी, जिसे पुलिस ने समय रहते नियंत्रित कर लिया था.