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नकलची होने से नहीं बनेंगे आत्मनिर्भर, भारत को जानना जरूरी: मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को नागपुर में थे. यहां उन्होंने बताया कि कौन हिंदू है. उन्होंने कहा, “भारत को जो मानता है, भारत की भक्ति जिसके पास है, संस्कृति के अंदर चलने का प्रयास करने वाले, बलिदान देने वालों का अनुसरण करने वाला, किसी की भी पूजा करे, कोई भी कपड़ा पहने, कहीं भी पैदा हो, एक समाज बनाएं, वो हिंदू है.”

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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- हम स्वयं सेवकों को सिखाते नहीं हैं, हम उनकी आदत बनाते हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- हम स्वयं सेवकों को सिखाते नहीं हैं, हम उनकी आदत बनाते हैं.

संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को नागपुर में थे. यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि हिंदू कौन है, संघ क्या चाहता है और भारत को क्या बनना है. 

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उन्होंने कहा, “भारत को जो मानता है, भारत की भक्ति जिसके पास है, संस्कृति के अंदर चलने का प्रयास करने वाले, बलिदान देने वालों का अनुसरण करने वाला, किसी की भी पूजा करे, कोई भी कपड़ा पहने, कहीं भी पैदा हो, एक समाज बनाएं, वो हिंदू है.”

हमें दुनिया को जीतना नहीं, जोड़ना है 

उन्होंने कहा, हमारा राष्ट्र चरित्र सिखाता है. सारी दुनिया को संतुलन सिखाएंगे. हमें दुनिया को जीतना नहीं है, हमें दुनिया को जोड़ना है. हम स्वयं सेवकों को सिखाते नहीं हैं, हम उनकी आदत बनाते हैं. हम भारत को जानकर, भारत जैसा बनना चाहते हैं. हम नकलची होगें, तो आत्मनिर्भर नही बनेंगे. हमें भारत को जानना होगा.  

संघ चाहता है भारत का हो उत्थान

मोहन भागवत ने कहा कि ये सिर्फ संघ का काम नहीं है, सभी का काम है. संघ को अपना नाम रोशन नहीं करना है. हम सब को ऐसा बनना है. जाति का गर्व सब में रहता है. भाषा का अभिमान होता है. आपस का व्यवहार भारत की भाषा में होना चाहिए.

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स्वतंत्र भारत में कई राष्ट्र का विलय सरदार पटेल के माध्यम से हुआ. समाज में परिवर्तन लाने की जरूरत है. भारत के उत्थान का श्रेय समाज को ही जाता है. देश सिर्फ जमीन नहीं है. संघ को अपने लिए कुछ नहीं करना है. संघ चाहता है कि भारत का उत्थान हो. 

दुनिया को जोड़ने का महामार्ग भारत ही है 

संघ प्रमुख ने कहा कि जी20 की अध्यक्षता करने से भारत का मनोबल बढ़ा है. लोगों को लग रहा है कि हम कहीं काम नहीं हैं. भारत को विश्वगुरु बनना है. दुनिया ने देखा है कि दुनिया को जोड़ने का महामार्ग भारत ही है.

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