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पुणे जातीय हिंसा पर अंबेडकर का बयान, भीड़ को संभाला नहीं होता तो बिछ जाती लाशें!

हिंसा पर प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि इस हिंसा के पीछे हिंदू संस्था के मिलिंद एकबोते ओर सांभाजी भिंडे का हाथ है. हम स्पॉट पर थे और हमें पता है कि इसके पीछे किसका हाथ है. हमने सरकार को नाम दे दिया है, अब उनका काम है कि कार्रवाई करें.

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प्रकाश अंबेडकर(फोटो साभार: फेसबुक)
प्रकाश अंबेडकर(फोटो साभार: फेसबुक)

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भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा की आग महाराष्ट्र में फैल गई है. मुंबई के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं बहुजन महासंघ के नेता और डॉ बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्रवान किया. इसके साथ ही कहा कि अगर उन्होंने भीड़ को संभाला नहीं होता तो कम से कम 500 हिंदू संस्था के लोगों की लाश होती.

हिंसा पर प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि इस हिंसा के पीछे हिंदू संस्था के मिलिंद एकबोते ओर सांभाजी भिंडे का हाथ है. हम स्पॉट पर थे और हमें पता है कि इसके पीछे किसका हाथ है. हमने सरकार को नाम दे दिया है, अब उनका काम है कि कार्रवाई करें. प्रकाश अंबेडकर ने आगे कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे. हमने ऊना की वारदात सही, कब तक ऐसे और सहते रहेंगे? अगर हमने भीड़ को कंट्रोल नहीं किया होता तो कम से कम 500 हिंदू संस्था के लोगों की लाश होती. अगर बंद का आह्रवान नहीं किया होता आग और भड़कती.

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प्रकाश अंबेडकर ने दावा किया कि बुधवार का बंद शांतिपूर्ण होगा. उन्होंने कहा न्यायिक जांच हो या ना हो लोगों को पता है कि यह किसने किया है, सरकार उन्हें जांच के पीछे छुपा नहीं सकती. हिन्दू संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे ही परम संस्था हैं. अगर मैं भीड़ पर काबू नहीं करता तो वहां पर 500 से ज़्यादा लोगों की लाशें पड़ी होतीं. अगर मैं कल बंद का आह्रवान नहीं करता तो हर जगह आग फैली होती. मैं शांति के लिए अपील कर रहा हूं और कल बंद शांतिपूर्ण होगा.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में 200 साल पुराने युद्ध की बरसी को लेकर जातीय संघर्ष छिड़ गया है. यहां के भीमा-कोरेगांव में सोमवार को बरसी पर हुए कार्यक्रम के दौरान हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हैं. जगह-जगह हिंसक प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इस मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

इस बारे में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि, "भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब तीन लाख लोग आए थे. हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थी. कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई. इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मृतक के परिवार वालों को 10 लाख के मुआवजा दिया जाएगा." 

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