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हिरासत में ली गईं त्र्यंबकेश्वर जा रहीं भूमाता ब्रिगेड की 100 सदस्य

त्र्यंबकेश्वर से 70 किलोमीटर पहले पुलिस ने भूमाता ब्रिगेड को रोकने की कोशिश की. उन्हें वापस जाने के लिए भी कहा. विरोध करने पर सभी सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया. कुछ घंटों के बाद उन सबको छोड़ दिया गया.

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महाराष्ट्र के नासिक जिला स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश के लिए जा रहीं भूमाता ब्रिगेड की 100 सदस्यों को संगमनेर में पुलिस ने हिरासत में ले लिया. त्र्यंबकेश्वर से 70 किलोमीटर पहले पुलिस ने उन लोगों को रोकने की कोशिश की. उन्हें वापस जाने के लिए भी कहा. विरोध करने पर सबको हिरासत में ले लिया गया था.

हिरासत में भी ब्रिगेड ने किया था संघर्ष
संगमनेर के नांदुर सिंगोट गांव के पास ब्रिगेड से जुड़ी करीब एक सौ महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. कुछ घंटों के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. हिरासत से छूटने के बाद तृप्ति देसाई ने कहा कि क्या यही अच्छे दिन हैं?  ये महिलाएं पूजा स्थलों पर लैंगिक भेदभाव के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर के लिए जा रहीं थी. महिलाओं का इरादा मंदिर के गर्भगृह में महिला श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी तोड़ने का है.

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मंदिर जाने के लिए चुना महाशिवरात्रि का दिन
तृप्ति देसाई के नेतृत्व वाले इस संगठन ने 26 जनवरी को अहमदनगर जिले के शनि शिंगणापुर मंदिर में लागू ऐसे ही प्रतिबंध को तोड़ने का हंगामेदार प्रयास किया था. तृप्ति ने लैंगिक न्याय के इस अभियान को जारी रखने का संकल्प लिया था. अभियान को अंजाम देने के लिए महाशिवरात्रि का मौका चुनते हुए इस संगठन ने अधिकारियों से कहा है कि वे पिछले मार्च की तरह इस मार्च में उनका रास्ता न रोकें.

चाक चौबंद की गई सुरक्षा व्यवस्था
यह प्राचीन मंदिर नासिक से 30 किलोमीटर दूर स्थित त्र्यंबक शहर में है. मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक ज्योर्तिलिंग है. देशभर में जारी आतंकी अलर्ट के कारण और महाशिवरात्रि के त्यौहार पर लाखों श्रद्धालुओं के आगमन के कारण इस मंदिर की सुरक्षा चाकचौबंद कर दी गई है.

ब्रिगेड ने सीएम से की न रोकने की अपील
भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि पिछले अभियान की तरह इस बार उनकी सदस्यों को रास्ते में पकड़ा न जाए. तृप्ति ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शनि शिंगणापुर के मुद्दे पर हमारा समर्थन किया था, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि हमें आज रोका नहीं जाएगा. वहीं डीएसपी प्रवीण मुंडे ने कहा कि हमने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और इस शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए भूमाता बिग्रेड के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नाकेबंदी की गई हैं.

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ब्रिगेड के खिलाफ उतरीं कई महिला संगठन
दक्षिण पंथी संगठन महिला दक्षता समिति, शारदा महिला मंडल, पुरोहित संगठन आदि एकजुट हो गए हैं. उन्होंने ब्रिगेड को मंदिर पहुंचने से पहले रोकने का फैसला किया है. त्र्यंबकेश्वर मंदिर न्यास के सदस्य कैलाश घूले ने कहा कि गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी वर्षों पुरानी परंपरा है. इसे हाल में लागू नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पुरूषों को भी रोजाना सुबह छह बजे से सात बजे तक मुख्य पूजास्थल पर जाने नहीं दिया जाता. इस परंपरा की वैज्ञानिक वजह बताने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि मूल स्थान पर कुछ किरणें एकत्र होती हैं, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं.

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