महाराष्ट्र के बारामती में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई. जहां गोबर गैस टंकी में फंसे कचरे को निकालने के लिए चेंबर में घुसे चार किसानों की दम घुटने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि तीन लोग एक ही परिवार के हैं और चौथा शख्स पड़ोसी था. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद इलाके में मातम पसर गया है.
यह घटना पुणे से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर बारामती तालुका के खांडज की है. इलाके में चर्चा है कि बायोगैस की टंकी में मौजूद जहरीली गैस की वजह से इन चारों की मौत हुई है. दरअसल, इस चेंबर में पानी की मोटर लगी है और किसान खेत में पानी डालने के लिए चेंबर में घुसकर मोटर ऑन करते हैं.
चार किसानों की मौत से मचा हड़कंप
बुधवार सुबह किसानों ने मोटर ऑन की, लेकिन उसमें से पानी बहुत कम आ रहा था और चेंबर से बदबू भी आ रही थी. उन्हें ऐसा लगा कि कचरा फंसा होगा, जिसकी वजह से पानी कम निकल रहा है. इसके बाद भानुदास अनंतराव आटोले चेंबर में कचरा निकालने उतरे. जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आए, तो उनका बेटा प्रवीण और भाई प्रकाश भी चेंबर में उतर गए.
काफी देर तक तीनों बाहर नहीं आए, फिर पड़ोस में रहने वाले बापूराव लहूजी गव्हाणे तीनों को देखने चेंबर में गया और वह भी बाहर नहीं निकला. इसके बाद आस-पास हड़ंकप मच गया और स्थानीय ग्रामीणों ने जेसीबी की मदद से इन चारों को बाहर निकाला और इलाज के लिए बारामती सरकारी अस्पताल भेजा. जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
जानवरों के मल-मूत्र का विसर्जन करने को बनाया था चेंबर
ग्रामीणों ने बताया कि जानवरों के मल-मूत्र का विसर्जन करने के लिए खेत में चेंबर बनाया गया था. इसकी लंबाई तकरीबन 20 फीट से ज्यादा है. चेंबर में बारिश के पानी को निकलने की व्यवस्था थी. मगर, पिछले कुछ दिनों से चेंबर में गंदगी फंसने से दुर्गंध आ रही थी और पानी भी कम निकल रहा था. इसलिए गंदगी को साफ करने की तैयारी थी. इसके चलते सबसे पहले प्रवीण इस चेंबर में उतरा था. इसके बाद एक दूसरे को बचाने चेंबर में उतरे सभी की मौत हो गई.
पुलिस मामले की जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही बारामती के तहसीलदार विजय पाटिल, विभागीय पुलिस अधिकारी गणेश इंगले, कृषि अधिकारी सुप्रिया बांदल ने घटनास्थल का दौरा किया. पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा.