राज्यसभा सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नोटिस की रिपोर्ट पर शिवसेना की तरफ से अभी तक आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत पर अपना हमला तेज कर दिया है. वहीं शिवसेना ने ईडी के नोटिस को बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है.
वरिष्ठ बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने सिलसिलेवार ट्वीट में संजय राउत पर निशाना साधा है. सोमैया ने पूछा कि ईडी जब वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है तो शिवसेना नेता इस तरह से प्रतिक्रिया दे रहे थे कि यह कैसे हुआ.
किरीट सोमैया ने ट्वीट किया, शिवसेना नेता संजय राउत कृपया स्पष्ट करें कि "क्या श्रीमती वर्षा संजय राउत को नवंबर के चौथे सप्ताह में, दिसंबर के दूसरे सप्ताह में और दिसंबर 2020 के चौथे सप्ताह में 3 समन (नोटिस) प्राप्त हुए हैं? समझ सकते हैं ईडी पीएमसी बैंक, HDIL फंड मामले की जांच कर रही है.'
Shivsena Leader Shri #SanjayRaut please clarify "Whether Smt Varsha Sanjay Raut has received 3 Summons (Notices) to appear before ED in 4th week of November, 2nd Week of December & 4th Week of December 2020!!?? Understood ED investigating #PMCBank #HDIL flow of Funds.
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) December 28, 2020
किरीट सोमैया ने आगे कहा, अगर ED एक परिवार से पूछे कि कैसे आपके परिवार ने HDIL से 55 लाख लिए तो इसमें क्या गलत है? यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एचडीसीएल के कारण पीएमसी बैंक डूब गया. बेनेफिसियरी ने हिसाब तो देना पड़ेगा.
Senior Citizens Depositors
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) December 28, 2020
to #PMCBank
to #HDIL (Wadhwan Brothers)
to
Praveen Raut
to
Madhuri Pravin Raut
to
Varsha/ #SanjayRaut
1st Notice, 2nd Notice, 3rd Notice of ED in last few months, than also No Response!
Why?
Beneficiary ne Hisab to Dena Padega
इससे पहले, कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा था कि बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल महाराष्ट्र गठबंधन नेताओं के खिलाफ औजार के तौर पर कर रही है. इससे पता चलता है कि बीजेपी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की संयुक्त ताकत के खिलाफ कोई मौका चूकना नहीं चाहती है.
सचिन सावंत ने कहा, "अब साफ हो गया है कि अगर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के घटक दल मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी कुछ कर नहीं पाएगी. हमें पता था कि बीजेपी ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करेगी और अब यह सब सच साबित हो रहा है. हम अनुरोध करते हैं कि ईडी कार्यालय अब दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाए ताकि कम से कम सभी को पता चल जाए कि ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी नहीं है. बीजेपी महाराष्ट्र में गठबंधन को तोड़न के अपने प्रयास में विफल रहेगी और हम मिलकर लड़ेंगे. यह कदम लोकतंत्र के लिए खतरा है और लोग देख रहे हैं कि बीजेपी विपक्ष के खिलाफ किस हद तक जा सकती है."
इस बीच शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी संजय राउत के पक्ष में उतर कर सामने आई हैं. प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, महाराष्ट्र में विपक्ष के नेताओं को चुनकर निशाना बनाने की प्रवृत्ति बीजेपी की बदले की भावना को दर्शाती है. ईडी, सीबीआई, आईटी, एनसीबी का इस्तेमाल वास्तविक जांच के लिए नहीं बल्कि विपक्ष को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है. संजय राउत जी एक निडर आवाज रहे हैं और आगे भी रहेंगे.