AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर की घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब आपने 44 संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है और गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम की पहली अनुसूची में इसका उल्लेख किया है तो इसी तरह औरंगजेब, बाबर, खिलजी, बहादुर शाह जफर, शाहजहां, जहांगीर, कुली कुतुब शाह जैसे नामों पर भी प्रतिबंध लगाएं और उन्हें एक सूची के रूप में उल्लेखित करें. नामों का उपयोग नहीं किया जा सकता.
दरअसल कोल्हापुर में तीन युवकों ने औरंगजेब की तारीफ करने वाले और दो समुदायों के बीच विवाद कराने वाला वाट्सऐप स्टेटस डाला था, जोकि वायरल हो गया. इसके खिलाफ हिंदू संगठनों ने कोल्हापुर बंद का आव्हान किया था.
इस मामले में ओवैसी ने कहा कि अगर फोटो लगाना अपराध है, तो बताइए कि भारतीय दंड संहिता की किस धारा में यह अपराध बताया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह आपने एक निषिद्ध सूची जारी की है, वैसे ही प्रतिबंधित किए जाने वाले नामों की भी सूची बनाएं, और घोषणा करें कि किसी का नाम 'असदुद्दीन ओवैसी' नहीं हो सकता है, क्योंकि वह भड़काऊ भाषण देता है. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी यह भी घोषणा करे कि गोडसे, आप्टे, मदनलाल का नाम निषिद्ध सूची में नहीं होगा, क्योंकि वह प्रिय हैं.
ओवैसी ने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में इस्लाम को बदनाम कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी मुसलमानों को बदनाम करने के लिए 50- 50 जलसे करवा रही है.
बीजेपी पर लगाया ये बड़ा आरोप
ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की साजिश है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में कोई दंगा करवा जाए. AIMIM प्रमुख ने कहा कि फडणवीस औरंगजेब की औलाद किसे बोल रहे हैं? उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि फडणवीस बताएं कि गोडसे की औलाद कौन है?
आप्टे और मदनलाल पाहवा पर भी निशाना
बीजेपी लव जिहाद की बात करती है. लेकिन हम पूछते हैं कि आप्टे और मदन लाल पाहवा कौन हैं, यह भी जानते हैं? ओवैसी ने कहा कि इन लोगों ने गोडसे के साथ मिलकर महात्मा गांधी की हत्या की थी. ओवैसी ने आप्टे और मदनलाल पाहवा पर कई आरोप लगाए.
क्यों हुई कोल्हापुर में हिंसा?
कोल्हापुर में तीन युवकों ने औरंगजेब की तारीफ करने वाला वाट्सएप स्टेटस डाला था, जोकि वायरल हो गया. इसके खिलाफ हिंदू संगठनों ने कोल्हापुर बंद का आव्हान किया था. इसके बाद हजारों हिंदू कार्यकर्ता छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर एकत्र हो गए. इसी दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी और दुकानों में तोड़-फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. इस वाट्सऐप स्टेटस को डालने वाले तीनों नाबालिग युवकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई थी, लेकिन हिंदू संगठनों की मांग है कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. इसी कार्रवाई की मांग को लेकर पूरा बवाल हुआ है.