वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने महाराष्ट्र में गठबंधन टूटने के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया था. दो दिन बाद रविवार को शिवसेना ने पलटवार करते हुए कहा है कि आडवाणी की पार्टी ने गठबंधन टूटने के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी.
आडवाणी ने 14 नवंबर को पटना में एक समारोह में कहा था कि उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से गठबंधन जारी रखने के उनके अनुरोध को पसंद नहीं किया . शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘जब शिवसेना और बीजेपी के बीच बातचीत लड़खड़ाती दिखाई दे रही थी, ऐसे में उद्धव जी ने खुद आडवाणीजी से बात की और उन्हें हालात के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि जिस युति को आपने और बालासाहब ने करीब 30 साल तक चलाया उसका आगे उज्ज्वल भविष्य नहीं दिखाई देता.’
राउत के मुताबिक उद्धव ने कहा कि अगर इस बार युति नहीं बन पाया तो कृपया हमें माफ कर दीजिए. राउत ने कहा, ‘उद्धवजी ने यह गंभीरता दिखाई.’ आडवाणी ने कहा था, ‘हम शिवसेना के साथ गठबंधन जारी रखना चाहते थे. लेकिन ऐसा लगता है कि उद्धव ने मेरे अनुरोध को पसंद नहीं किया. उन्होंने सोचा कि अगर उनकी पार्टी अकेले चलेगी तो अच्छा रहेगा. इससे 25 साल पुराना गठबंधन समाप्त हो गया.’
उन्होंने कहा, ‘जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अकेले लड़ने का फैसला किया था तो मैंने व्यक्तिगत रूप से उन्हें फोन कर कहा कि यह सही नहीं होगा. मैंने उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने और हमारे साथ बने रहने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने इसे मंजूर नहीं किया.’’ जवाब में राउत ने कहा कि अगर शिवसेना सालों पुराने गठबंधन को तोड़ना चाहती तो वह अपनी सीटों को कम करने की बीजेपी की मांगों को नहीं मानती.
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना ने गठबंधन नहीं तोड़ा जो हिंदुत्व के सिद्धांतों पर बना था. अगर हमें इसे किसी भी तरह तोड़ना होता तो हम अपनी सीटें कम करने के लिए नहीं मानते. अगर आडवाणीजी को अपनी पार्टी से पूरी जानकारी नहीं मिली है तो हम जब दिल्ली जाएंगे तो उनके सामने समस्त विवरण रखेंगे.’
(इनपुट: भाषा)