महाराष्ट्र में तीन महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी की नजर इस चुनाव में जीत हासिल करने पर है. पार्टी इसके लिए अमित शाह का फॉर्मूला अपनाने की योजना बना रही है. लेकिन विरोधियों ने शाह के फॉर्मूले पर अभी से हमला बोलना शुरू कर दिया है.
आम चुनाव में कामयाबी हासिल करने के बाद अब बीजेपी की नजर राज्य के चुनावों पर है. महाराष्ट्र को भी यूपी की तरह फतह करने का प्लान बीजेपी बना चुकी है. बीजेपी के नए अध्यक्ष अमित शाह को संगठन का मुखिया चुनावों के ठीक पहले इसीलिए बनाया गया.
उत्तर प्रदेश में अमित शाह के कामयाब फॉर्मूले को महाराष्ट्र में भी आजमाने की तैयारी हो रही है. अमित शाह महाराष्ट्र चुनाव पर ज्यादा ध्यान दें, इसके लिए महाराष्ट्र बीजेपी की कोर कमिटी 15 जुलाई को अमित शाह से मिलेगी.
बीजेपी की सहयोगी शिवसेना भी अमित शाह को अध्यक्ष बनाए जाने पर राज्य में बड़ी जीत की उम्मीद जता चुकी है. सामना में उद्धव ठाकर ने लिखा है, 'केंद्र की राजनीति में मोदी सर्वोपरि हैं और अमित शाह उनका दायां हाथ. मोदी की प्रतिमा और अमित शाह की प्रतिभा के सहारे ही आम चुनाव में बीजेपी की जीत हुई है. मोदी ने सरकार में बदलाव किए हैं. अध्यक्ष बनने के बाद शाह पार्टी में सकारात्मक बदलाव करेंगे. उम्मीद है कि अमित शाह की अगुआई में शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन महाराष्ट्र में जीत दर्ज करेगा.'
इधर बीजेपी और शिवसेना जीत की उम्मीद लगाए हैं, उधर महाराष्ट्र में शाह फार्मूले पर हमला शुरू हो गया है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शाह के फॉर्मूले को सांप्रदायिक करार दिया है.
उत्तर प्रदेश में अमित शाह ने सीट दर सीट प्रचार करके बीजेपी को जीत दिलाई. एनसीपी के लिए भले ही यह फॉर्मूला सांप्रदायिक हो, लेकिन बीजेपी-शिवसेना के लिए यह जीत का मंत्र है. शाह के कुर्सी संभालने के बाद विधानसभा चुनावों में उनके चुनावी मैनेजमेंट और फॉर्मूले की ये पहली परीक्षा होगी.