महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा और बीजेपी किसके समर्थन से सरकार बनाएगी, इसका फैसला आज होगा. विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी के विधायक दल की आज शाम 4 बजे बैठक होगी. विधायकों से सलाह मशविरा के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होगा. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस के नाम पर आखिरी मुहर लगेगी.
प्रस्तावित बैठक में पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी महासचिव जेपी नड्डा, चुनाव प्रभारी राजीव प्रताप रूडी, महाराष्ट्र प्रभारी रहे ओम माथुर भी मौजूद होंगे.
राज्य बीजेपी इकाई ने अपने सभी लोकसभा-राज्यसभा सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को इस मौके पर मौजूद रहने के लिए कहा है. दूसरी ओर शपथ ग्रहण की तारीख पर भी अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है. सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह 31 अक्टूबर को होने की उम्मीद है.
इससे पहले बीती रात मुंबई में बीजेपी नेताओं की मीटिंग हुई. पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस, चुनाव प्रभारी राजीव प्रताप रूडी, विनोद तावड़े के साथ कई दूसरे नेता भी बैठक में शामिल हुए. हालांकि बैठक में क्या बातें हुई इस बारे में किसी ने जानकारी नहीं दी. कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद और आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा हुई होगी.
दूसरी ओर राज्य में बनने वाली बीजेपी सरकार के समर्थन को लेकर भी आज तस्वीर साफ हो जाएगी. यानि बीजेपी ये फैसला कर लेगी कि पार्टी किसके सहयोग से सरकार चलाएगी. एनसीपी वैसे तो पहले ही बाहर से समर्थन देने का ऐलान कर चुकी है. शिवसेना ने भी सोमवार को सामना के संपादकीय में साफ कर दिया कि वे बीजेपी को समर्थन देंगे. बीजेपी ने कहा है कि महाराष्ट्र में बिना शर्त के सरकार बनेगी.
अब तक तेवर दिखा रही शिवसेना का रूख कल पहली बार नरम पड़ा. 1995 के फॉर्मूले के तहत समझौते पर अड़ी पार्टी ने कहा कि बीजेपी को समर्थन के लिए कोई शर्त नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र की जनता स्थायी सरकार चाहती है. पार्टी नेता संजय राउत ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि बीजेपी और शिवसेना का ब्लड ग्रुप एक ही है. साथ ही उन्होंने एनसीपी पर निशाना भी साधा.
उधर, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने नया दांव खेलते हुए कहा कि विश्वास प्रस्ताव के दौरान एनसीपी विधायक सदन में मौजूद नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि एनसीपी महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहती है लेकिन उनकी पार्टी विपक्ष की तरह भूमिका निभाएगी. अगर एनसीपी सदन से गायब रहती है तो कुल सदस्यों की संख्या 246 हो जाएगी. क्योंकि सोमवार को एक हादसे में नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक की मौत हो गई. ऐसे में बहुमत के लिए बीजेपी को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.