केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान को लेकर महाराष्ट्र में बवाल छिड़ा हुआ है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने नारायण राणे के बयान से खुद को अलग कर लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि नारायण राणे को मुख्यमंत्री को लेकर बयान देते वक्त संयम बरतना चाहिए था.
देवेंद्र फडणवीस बोले कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अगर स्वतंत्रता को लेकर कुछ भूल गए थे, तो इस मसले को किसी और बेहतर तरीके से कहा जा सकता था. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसका बदला जैसे को तैसे के मोड में लिया जाए. हम भले ही मंत्री के बयान का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन हम उनके साथ हैं.
महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना
महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उस शरजील उस्मानी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था, जिसने हिन्दुओं को आतंकवादी कहा था. लेकिन नारायण राणे के खिलाफ तुरंत एक्शन ले लिया है.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार द्वारा उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया, जो चौकीदार चोर है जैसे बयान देते हैं. मैं अभी इस बात का भी जिक्र नहीं कर रहा हूं कि कैसे उन लोगों ने मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ बयानबाजी की थी.
'ये तालिबान नहीं है'
शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी के दफ्तरों पर हमला करने को लेकर देवेंद्र फडणवीस भड़क गए हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सभी पुलिस कमिश्नरों को अपने-अपने इलाकों में उन लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने बीजेपी के दफ्तरों पर हमला किया है. राज्य में कानून का राज होना चाहिए, ये कोई तालिबान नहीं है.
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने अपने एक बयान में उद्धव ठाकरे को चांटा मारने की बात की थी, इसी बयान पर शिवसैनिक भड़क गए हैं. महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में नारायण राणे के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है, बीजेपी दफ्तरों पर हमला भी किया गया है.
नारायण राणे के खिलाफ चार एफआईआर भी दर्ज की गई हैं. पुलिस की टीमें उनकी गिरफ्तारी करने के लिए भी रवाना हो गई हैं. ऐसे में शिवसेना और भाजपा के बीच इस मसले पर तकरार बढ़ती जा रही हैं.