महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल बनी सहयोगी शिवसेना के बाद अब पार्टी के अंदर से ही असंतोष की खबर आ रही है. भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर फडणवीस मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ बीजेपी नेता एकनाथ खडसे ने बड़े संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा है कि किसी पर एक पार्टी का परमानेंट ठप्पा नहीं होता है. खडसे के इस बयान से सवाल उठने लगे हैं कि क्या वह बीजेपी छोड़कर किसी दूसरी पार्टी का दामन थामने वाले हैं.
ये सवाल इसलिए भी है कि क्योंकि लेवा पटेल समुदाय के जिस कार्यक्रम में खडसे ने यह बात कही है, वहां कांग्रेस के पूर्व सांसद उल्हास पाटिल भी मौजूद थे. कांग्रेस नेता उल्हास पाटिल ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि एकनाथ खडसे के साथ अन्याय हुआ है. ऐसा कहते हुए पाटिल ने खडसे को कांग्रेस का हाथ थामने का ऑफर तक दे दिया.
खडसे ने क्या कहा
भुसावल में अपने समुदाय के बीच बोलते हुए एकनाथ खडसे ने कहा, 'समुदाय को मजबूत करने के लिए सभी को एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ लड़ना होगा. एक बात सही है कि एकजुट रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जीवन के संघर्ष में राजनीति को अलग रखना होगा. चाहे डॉ पाटिल की पार्टी हो या मेरी, किसी के पास कोई स्थायी स्टैम्प नहीं है कि वह एक ही पार्टी में रहेगा. कोई इसका अंदाजा नहीं लगा सकता. इसलिए इसे हल्के में न लें.'
बता दें कि एकनाथ खडसे का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से सार्वजनिक तौर पर उन्हें हाथ थामने का न्योता मिल चुका है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर दे चुके हैं.
MIDC जमीन घोटाले में नाम आने के बाद खडसे को मंत्रीपद छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद से वो लगातार अन्याय की बात कर रह हैं. हाल ही में पार्टी गतिविधियों से भी उनकी दूरी देखने को मिली है, जिसने इस बहस को और हवा दे दी है.