केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने दावा किया है कि मानव के क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है. उन्होंने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव की भी हिमायत की. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कभी किसी कपि के इंसान बनने का उल्लेख नहीं किया है.
सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘इंसानों के विकास संबंधी चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है. स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है. इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है.’
ऑल इंडिया वैदिक सम्मेलन में हिस्सा लेने मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आए पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे किसी भी पूर्वज ने लिखित या मौखिक रूप में कपि को इंसान में बदलने का जिक्र नहीं किया था.’ डार्विनवाद जैविक विकास से संबंधित सिद्धांत है. उन्नीसवीं सदी के अंग्रेज प्रकृतिवादी डार्विन और अन्य ने यह सिद्धांत दिया था.
Addressed All India Vedic Conference in Aurangabad along with MP Chandrakant Khaireji. Veda is the revealed religion and foundation of World culture. It has seeds of all true knowledge and solution to all kinds of problems. pic.twitter.com/Q9lY4HxguW
— Dr. Satya Pal Singh (@dr_satyapal) January 19, 2018
महाराष्ट्र काडर में 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी सत्यपाल सिंह 2014 में ही चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं. उन्हें हालिया कैबिनेट विस्तार में मानव संसाधव विकास राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया है. सत्यपाल सिंह सांसद बनने ने पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर थे और सेवा के दौरान वह इस पद से इस्तीफा देने वाले पहले अधिकारी थे.