इफ्तार पार्टी की थाली महाराष्ट्र में भी सजी है, वहां सत्ता में शामिल बीजेपी के साथी और डिप्टी सीएम अजित पवार ने इफ्तार पार्टी में शामिल होकर सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, अगर कोई भी दो समूहों के बीच झगड़ा कराने की कोशिश करेगा और कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेगा, चाहे वह कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे माफ़ नहीं किया जाएगा.
अजित के बयान के बाद बीजेपी और एनसीपी (अजित गुट) आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी सांसद नारायण राणे ने अजित पवार के मुस्लिमों वाले बयान पर पलटवार किया है. नारायण राणे ने कहा कि लगता है कि अजित पवार ने आंख देखने का धंधा शुरू किया है. अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं, उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों की तऱफ आंख उठाकर देखोगे तो बख्शूंगा नहीं.
वहीं, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी पार्टी का स्टैंड है कि हम धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते है, कुछ लोग गलत बयानबाजी करते है, माहौल खराब करते हैं लेकिन पार्टी कहती है कि वो उनका व्यक्तिगत विचार है. हम तो सबका साथ सबका विकास वाले लोग हैं.
क्या कहा था अजित पवार ने?
अजित पवार ने कहा कि भारत अनेकता में एकता का प्रतीक है. हमें किसी भी विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना चाहिए, अभी हमने होली मनाई है, गुड़ी पड़वा और ईद आने वाली है, ये सभी त्यौहार हमें मिलजुल कर रहना सिखाते हैं, हम सबको मिलजुल कर इसे मनाना चाहिए क्योंकि एकता ही हमारी असली ताकत है, मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आपका भाई अजित पवार आपके साथ है, जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, अगर कोई भी दो समूहों के बीच झगड़ा कराने की कोशिश करेगा और कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेगा, चाहे वह कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे माफ़ नहीं किया जाएगा.
औरंगजेब की कब्र विवाद पर बोले डिप्टी सीएम
औरंगजेब की कब्र विवाद पर अजित पवार ने कहा कि मैं इस मामले पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं. बार-बार एक ही मुद्दे को उठाना बंद करें. छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुसलमानों सहित सभी जातियों और धर्मों के लोगों को एकजुट करके हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की. वास्तव में उनके गोला-बारूद विभाग का प्रमुख एक मुसलमान था. छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ-साथ सभी नेताओं ने हमेशा न्याय दिलाने का प्रयास किया है. आज हम अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे समय में किसी को भी समाज में विभाजन पैदा करने वाले अनावश्यक मुद्दे नहीं उठाने चाहिए. कानून और व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, लेकिन यह मुख्य रूप से सरकार का कर्तव्य है. अगर मेरे मंत्री कोई गलती करते हैं, तो मैं उनके साथ इस पर चर्चा करूंगा, लेकिन अगर अन्य दलों के मंत्री विवादास्पद बयान देते हैं, तो मैं इसे फडणवीस और शिंदे के ध्यान में लाऊंगा.
अजित के बयान पर फडणवीस की प्रतिक्रिया
अजित पवार द्वारा मुसलमानों पर की गई टिप्पणी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि मुझे नहीं पता अजित पवार ने क्या बोला है. हम भी यही कहते हैं कि जो अच्छा नागरिक है, देशभक्त है अगर उस पर कोई हाथ उठाएगा चाहे वो किसी भी जाति का हो, धर्म का हो... तो हम भी वो सहन नहीं करेंगे, लेकिन जो समाज को तोड़ने का काम करेगा और समाज में हिंसा फैलाएगा उसको छोड़ेंगे नहीं.
कांग्रेस बोली- ये भाजपा की सोची-समझी रणनीति
अजित पवार की मुसलमानों पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच उबाल बनाए रखने के लिए यह भाजपा की सोची-समझी रणनीति है. किसी दिन उनका छोटा नेता कोई बयान देता है, किसी दिन मुख्यमंत्री कोई बयान देता है और फिर उपमुख्यमंत्री आ जाते हैं. पहले औरंगजेब, फिर होली-जुमा और अब नागपुर हिंसा. भाजपा भारतीय समाज के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध कर रही है.