महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उथल पुथल काफी तेज हो गई है. सरकार अभी महा विकास अघाड़ी की है, लेकिन चर्चा बीजेपी और शिवसेना की होने लगी है. कहा जा रहा है कि दो पुराने साथी फिर एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं. अब ये अटकलें भी इसलिए जोर पकड़ रही हैं कि क्योंकि पिछले कुछ महीनों में कई बार बड़े नेताओं द्वारा इस तरफ इशारा किया गया है.
फिर होगा बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन?
अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस ओर इशारा कर दिया है. जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या बीजेपी और शिवसेना फिर साथ आ सकते हैं, क्या फिर कोई गठबंधन की उम्मीद हो सकती है, इस सवाल पर देवेंद्र फडणवीस कह गए कि वे शिवसेना के दुश्मन नहीं हैं. उन्होंने बोला कि राजनीति में किंतु-परंतु के लिए कोई जगह नहीं होती. हमारे शिवसेना से मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वो हमारी दुश्मन नहीं है. अब फडणवीस का ये कहना ही दिखाता है कि शिवसेना और बीजेपी के बीच जो विधानसभा चुनाव के बाद तकरार बढ़ गई थी, अब वो कम होती दिख रही है.
क्यों लगने लगीं ऐसी अटकलें?
वैसे भी देवेंद्र फडणवीस से पहले शिवसेना के कुछ नेता भी दबी जुबान में फिर बीजेपी से गठबंधन की बात कर चुके हैं. कुछ समय पहले सीएम उद्धव ठाकरे की भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी. मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ कर दी थी और बीजेपी की सफलता का क्रेडिट भी उन्हें दे दिया. ऐसे में यूं तारीफ करने वाले बयान देना, सीएम की पीएम से मुलाकात होना और अब फडणवीस का ये कहना कि शिवसेना उनकी दुश्मन नहीं, कई तरह के राजनीतिक संदेश दे रहा है.
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महाराष्ट्र की राजनीति में अनिश्चितताओं का खेल
अब इस तरह के तमाम बयान एक तरफ शिवसेना को फिर बीजेपी के करीब ला सकते हैं तो वहीं महा विकास अघाड़ी के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकते हैं. कुछ समय से एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी काफी सक्रिय हो गए हैं. उनकी भी लगातार दूसरे दल के नेताओं संग अहम बैठकें हो रही हैं. दूसरी तरफ महाराष्ट्र में कांग्रेस भी फिर अकेले चुनाव लड़ने का दम भर रही है. ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में अनिश्चितताओं का खेल जारी है जहां पर कब क्या हो जाए, ये बता पाना मुश्किल साबित हो रहा है.