महाराष्ट्र में चुनाव का ऐलान हो गया है, लेकिन बीजेपी और शिवसेना में सीटों के बटवारे को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. शिवसेना 150 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है और बीजेपी इतनी सीट देने को राजी नहीं. दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जिद पर अड़ी हैं. इसका खामियाजा 25 साल पुराने गठबंधन को भुगतना पड़ सकता है.
दूसरी ओर, बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने रविवार को कहा कि शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन में कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमारा शिवसेना के साथ गठबंधन मजबूत है और हमारी नीतियां राज्य के विकास में सहायक होंगी.' रूडी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख से मिलकर भी अपना पक्ष रख दिया है अब उनके उत्तर का इंतजार कर रहे हैं.
इस बीच शिवसेना की ओर से नीलम गोरे ने कहा है कि सीट के बंटवारे को लेकर सब ठीक है, जो पार्टी चुनाव में ज्यादा सीट जीतेगी वही सीएम तय करेगी. नीलम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि उद्धव जी सीएम बनें. सीटों के बंटवारे पर आखिरी फैसला वही लेंगे. सामाना के लेख का गलत मतलब निकाला गया है.'
महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को चुनाव होने हैं. लेकिन बीजेपी-शिवसेना के सीटों का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा. शिवसेना ने पहले ही बता दिया है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा, लेकिन बताया जाता है कि बीजेपी इस बात पर तैयार नहीं है. दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहती हैं.
इससे इतर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की टिप्पणियों से नाराज महाराष्ट्र बीजेपी शाखा ने रविवार को कहा कि उसके कार्यकर्ता अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अब और बातचीत नहीं चाहते हैं.
बीजेपी राज्य शाखा के प्रवक्ता माधव भंडारी ने मुंबई में कहा, 'उद्धव ठाकरे की टिप्पणियों का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीचा दिखाना था. महाराष्ट्र बीजेपी ने उनकी टिप्पणियों की कठोरता से आलोचना की है. हमारे कार्यकर्ता दोनों दलों के बीच बातचीत रोकने और अपनी खुद की राह तलाशने के लिए नेतृत्व पर जोर दे रहे हैं और दबाव डाल रहे हैं.’ गौरतलब है कि उद्धव ने शनिवार को पंचायत आजतक कार्यक्रम में कहा था कि मोदी लहर कई राज्यों में असर दिखाने में असफल रही और हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का श्रेय केवल मोदी को नहीं बल्कि उनके गठबंधन सहयोगियों को भी दिया जाना चाहिए.’
उद्धव ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में लोगों ने बदलाव के एक चेहरे (मोदी) के लिए वोट दिया और महाराष्ट्र में मिली जीत में शिवसेना के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘क्या मोदी लहर तमिलनाडु, पंजाब, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में दिखी? यह गठबंधन सहयोगियों पर भी निर्भर करता है. मोदी हमारे गठबंधन के प्रधानमंत्री हैं.’
भंडारी ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है जब उद्धव ने मोदी के ऊपर ‘अपमानजनक’ टिप्पणियां की हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के आधार पर नेतृत्व अंतिम फैसला लेता है. उन्होंने कहा, ‘कार्यकर्ता सभी वार्ताएं खत्म होती देखना चाहते हैं और नेतृत्व आखिर में अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की सुनता है क्योंकि वही जमीनी स्तर पर सारे काम करते हैं.’