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पैरों में पड़ गए छाले, फिर भी मुंबई तक किसानों ने जारी रखा है मार्च, जानिए वजह 

जमीन के मालिकाना हक को लेकर किसानों का मार्च पांच दिन से चल रहा है. अपनी मांगों को लेकर किसान मुंबई जा रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर अपनी मांगों को रखेंगे. मार्च में शामिल ज्यादातर किसान बुजुर्ग हैं और पैदल चलने की वजह से उनके पैरों में घाव हो गए हैं. कई लोगों की तबीयत खराब हो गई है.

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किसान मार्च में शामिल 15-16 मरीजों का शाहपुर के अस्पताल में गुरुवार को इलाज किया गया.
किसान मार्च में शामिल 15-16 मरीजों का शाहपुर के अस्पताल में गुरुवार को इलाज किया गया.

पांच हजार से ज्यादा किसान मुंबई की ओर कूच कर रहे हैं. वे सभी बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. गुरुवार की रात किसानों ने मुंबई-नासिक राजमार्ग पर शाहपुर को पार किया और मुंबई से लगभग 80 किमी दूर डेरा डाल दिया.

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शाहपुर के सब डिवीजनल अस्पताल में गुरुवार को किसान मार्च में शामिल 15-16 मरीजों का इलाज किया गया है. मार्च में चलने वाले लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हैं और उनके पैरों में घाव हो गए हैं. पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर हड़ताल पर रहने के बावजूद अस्पताल के कर्मचारियों ने इन मरीजों का इलाज किया.

किसान बोले- हम लौटने के लिए नहीं आए हैं  

वरिष्ठ नागरिक रोगियों में से एक मालजी शिंदे ने बताया कि रात में चलते समय एक पत्थर पर पैर पड़ जाने की वजह से वह गिर गए थे. इससे उनके हाथ और पैर में चोटें आईं हैं. इलाज कराने के बाद उन्होंने कहा कि वह अपने खेत की जमीन के मालिकाना हक की मांग को लेकर मार्च में शामिल होने जा रहे हैं. 

हम इतनी दूर लौटने के लिए नहीं आए हैं. मैं 1 एकड़ जमीन की मांग कर रहा हूं. मैं मालेगांव से आया हूं. मेरे बच्चे हैं, जो उस जमीन पर काम करते हैं. हम तब तक नहीं लौटेंगे, जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मान लेती. हम पिछले पांच दिनों से पैदल चल रहे हैं. 

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न पैरों में चप्पल न खाने की व्यवस्था  

एक अन्य किसान लक्ष्मण पीठे की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. पैर में चोट लगने के बाद लक्ष्मण ने अस्पताल से दवाई ली. उन्होंने बताया कि मेरी चप्पल टूट गई, तो उतार दी. अब पैर में दर्द हो रहा है. दवाई ली है, लेकिन चलता रहूंगा. हमारे पास खाने के पैसे नहीं हैं. हम भोजन के लिए आयोजकों पर आश्रित हैं. हमारा संघर्ष ही हमारा भविष्य बेहतर बनाएगा.

दो दिन बाद मुंबई पहुंचेंगे किसान  

किसान अपनी मांगों को लेकर नासिक के डिंडोरी से मुंबई की ओर कूच कर रहे हैं. वे अगले दो दिनों में मुंबई पहुंचेंगे. 13 सदस्यीय अनुशासन समिति का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने मुंबई गया. इसमें 50 साल की राधाबाई भागरे जैसी महिलाएं भी शामिल हैं, जो विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही हैं. मगर, मार्च में चलती जा रही हैं. बुखार आने के कारण उन्हें शाहपुर सब डिवीजन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, 53 साल की शैला मोरे सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती हैं.

पांच दिनों से चल रहा है मार्च  

बताते चलें कि यात्रा आज पांचवें दिन में प्रवेश कर रही है. अधिकांश किसानों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है. इनमें से कई तो 70 साल से भी ज्यादा उम्र के लग रहे थे. इस उम्र में दैनिक कार्य भी मुश्किल हो रहे हैं, लेकिन ये किसान घंटों पैदल चल रहे हैं. अस्वस्थ महसूस करने वालों किसानों के लिए एंबुलेंस बुलाई गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.

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