बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में किसी को भी बहुमत न मिलने के बाद गठबंधन को लेकर भी कोई साफ तस्वीर सामने नहीं आ रही है. शुक्रवार को नारायण राणे ने कहा था कि कांग्रेस के लिए शिवसेना अछूत नहीं है. लेकिन अगले ही दिन पार्टी ने शिवसेना से किसी भी तरह के गठबंधन के संभावनाओं से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस नेता की दो टूक
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवेसना से गठबंधन की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जाति और धर्म के आधार पर बांटने वाले दल से कोई समझौता नहीं हो सकता है, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी विपक्ष में बैठने को तैयार है.
दरअसल शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में शनिवार को गंभीर मतभेद उभर कर सामने आया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और सीनियर कांग्रेसी नेता गुरुदास कामत ने बीएमसी में शिवसेना को किसी भी तरह के समर्थन के प्रति 'कड़ा विरोध' जताया.
शिवसेना को बीजेपी का साथ पसंद नहीं
वहीं शिवसेना ने भी शुक्रवार को चुप्पी के बाद शनिवार को अपने पत्ते साफ कर दिए. शिवसेना ने तल्खी के साथ फिर कहा कि बीएमसी में बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं हो सकता. हालांकि परिणाम आने के बाद शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि बीएमसी में मेयर उनके होंगे. इस बीच शिवसेना को निर्दलीय वार्ड सदस्यों का समर्थन मिल गया है, जिसके बाद शिवसेना के आंकड़े 87 तक पहुंच गया है.
हालांकि शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना ने गठबंधन के संकेत दिए थे, उन्होंने कहा कि बीएमसी में बीजेपी और शिवसेना के साथ आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. साथ ही उन्होंने शिवसेना को बीजेपी पर हमले से बचने की सलाह दी थी.
शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी
उल्लेखनीय है कि 227 सीटों वाले बीएमसी में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि भाजपा ने इससे मात्र दो सीटें कम यानी 82 सीटों पर जीत दर्ज की है.
कांग्रेस 31 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर है, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 9 और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने 7 सीटें जीती हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो सीटें, एक स्थानीय पार्टी ने एक सीट, जबकि निर्दलीयों ने पांच सीटें जीती हैं.