शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित ऑफिस में 'अवैध निर्माण ' को गिरा दिया. इससे पहले, बीएमसी ने कंगना ऑफिस के बाहर कार्रवाई की जानकारी देते हुए दूसरा नोटिस लगाया था. बीएमसी की टीम बुलडोजर लेकर बांद्रा के पाली हिल बंगले पर पहुंची और महानगरपालिका की बिना मंजूरी के इमारत में की गई फेरबदल वाले ढांचे को गिरा दिया.
वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंगना के ऑफिस में अवैध निर्माण को तोड़ने की बीएमसी के एक्शन पर बुधवार को रोक लगा दी और पूछा कि नगर निकाय के अधिकारी मालिक की गैरमौजूदगी में संपत्ति के भीतर क्यों गए.
इस बीच, एक सेशन कोर्ट में बीएमसी ने एक हलफनामा दायर कर इमारत के डिमॉलिशन पर लगी रोक को हटाने के लिए कहा है, जहां कंगना रनौत का निवास स्थान है. यह हलफनामा दिंडोशी सेशन कोर्ट के समक्ष दायर किया गया है. यह मामला उन अवैधताओं से संबंधित है जो बीएमसी की नजर में है. बीएमसी ने 2018 में बिल्डर को नोटिस भेजा था. कंगना रनौत सहित इस बिल्डिंग में फ्लैट खरीदने वाले लोगों को भी नोटिस दिया गया था. 2018 में सोसाइटी ने बीएमसी द्वारा भेजे गए डिमॉलिशन पर रोक लगाने के लिए एक आवेदन दिया था.
बता दें कि 2018 में ही, BMC को जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया. अब उन्होंने हलफनामा दायर कर इस स्टे को हटाने की मांग की है.
वहीं कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी कहते हैं, "यह मामला हमसे नहीं जुड़ा है. यह बीएमसी, बिल्डर और सोसाइटी के बीच का मामला है. सोसाइटी की तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने वाले वकील को भी हम नहीं जानते हैं. हमने इसके लिए पेमेंट भी नहीं किया है. इसका कंगना रनौत से कोई लेना देना नहीं है."
गौरतलब है कि अभी हाल में ही कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें 'मूवी माफिया' से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और वह चाहेंगी कि उन्हें या तो हिमाचल प्रदेश से या केंद्र सरकार से सुरक्षा मिले.