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BMC को लोकायुक्त से बड़ी राहत, रेमडेसिविर खरीद घोटाले के आरोप में मिली क्लीन चिट

महाराष्ट्र राज्य लोकायुक्त ने कोविड-19 के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद पर भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) को क्लीन चिट दे दी है. कोरोनाकाल में गंभीर मरीजों में संक्रमण रोकने के लिए रेमडिसिविर इंजेक्शन को महत्वपूर्ण माना गया था. इस इंजेक्शन की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा नेता किरीट सोमैया ने लगाए थे.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.

कोरोनाकाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) को शनिवार को बड़ी राहत मिली है. महाराष्ट्र राज्य लोकायुक्त ने इस मामले में BMC को क्लीन चिट दे दी है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने इस इंजेक्शन की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इस पर जस्टिस वीएम कनाडे ने 3 जनवरी 2023 को जांच के आदेश दिए थे.

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बताते चलें कि कोरोनाकाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खासी डिमांड देखने को मिली थी. ये इंजेक्शन उन मरीजों को लगाया जाता था, जिनकी संक्रमण की वजह से हालत गंभीर हो रही थी. ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए रेमेडिसविर इंजेक्शन को महत्वपूर्ण माना गया था. 

'बढ़ती डिमांड और कम स्टॉक से दरों में आया अंतर'

अब इस मामले में राज्य लोकायुक्त की तरफ से आदेश में कहा गया है कि शिकायत के जवाब में हलफनामे और प्रस्तुत दस्तावेजों को देखने के बाद मेरा विचार है कि यह साबित नहीं हो पाया है और शिकायतकर्ता यह साबित नहीं कर पाए गए हैं कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद में कोई भ्रष्टाचार किया गया था. यह भी साबित नहीं होता कि इंजेक्शन की खरीद में कोई अनियमितता और गैर-पारदर्शिता थी. केंद्र सरकार द्वारा जारी पत्र समेत बीएमसी की तरफ से प्रस्तुत दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि मार्च 2021 के बाद के कुछ हफ्तों में इंजेक्शन रेमडेसिविर के खरीद मूल्य में तेजी से अंतर आया और यह इंजेक्शन की बढ़ती डिमांड और कम आपूर्ति की वजह से देखने को मिली. 

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बीजेपी नेता ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था

बता दें कि इस मामले में बीएमसी के साथ निदेशक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल कंपाउंड, हाफकीन बायो-फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और मीरा भाईंदर नगर निगम को प्रतिवादी बनाया गया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि निर्माताओं से रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदते समय MCGM और अन्य सरकारी प्राधिकरणों और निगमों ने भ्रष्टाचार किया है. दूसरा, यह आरोप लगाया गया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद का तरीका पारदर्शी नहीं था. तीसरा, यह आरोप लगाया गया कि इस रेमडेसिविर इंजेक्शन की दरों में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव रहा. जिसे 658 रुपये की दर से खरीदा गया था और 1600 रुपये प्रति शीशी के बीच बिक्री की गई.

गौरतलब है कि आने वाले महीनों में बीएमसी चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर भाजपा और शिवसेना (UBT) के बीच राजनीतिक खींचतान भी देखी जा रही है. शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रस्तावित सीमेंट कंक्रीट सड़क योजना के मुद्दे पर बीएमसी पर आरोप लगा रहे है. उनका आरोप है कि नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है और ठेकेदारों द्वारा एक कार्टेलाइजेशन किया गया है. हाल ही में बीएमसी आयुक्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कोविड देखभाल केंद्रों के ठेके देने में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में तलब किया गया था. 

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