मुंबई में पिछले कुछ समय से मराठी भाषा में साइन बोर्ड लगाने को लेकर काफ़ी बवाल हुआ है. सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठी भाषा में साइन बोर्ड लगाने को कहा गया था. और मुंबई में सारे दुकानदारों को 2 महीने का समय भी दिया गया था. दो महीने का समय समाप्त होने के बाद बीएमसी ने अपनी कार्रवाई शुरू की है. BMC उन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जिन लोगों ने अभी तक मराठी भाषा में साइन बोर्ड नहीं लगाये हैं.
2018 में राज्य सरकार ने राज्य की सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए देवनागरी लिपि में साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया था. वही बीएमसी द्वारा इस मामले पर कार्रवाई करने के लिए अपने 24 वार्डों में अधिकारियों की एक टीम बनाई है, यह टीम उन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही, जिन्होंने मराठी भाषा में साइन बोर्ड नहीं लगाए हैं.
मुंबई के कोलाबा इलाक़े से बीएमसी की कार्रवाई शुरू हुई. जिसमें दुकानदारों को पहले अपना लाइसेंस बताना अनिवार्य किया गया है, उसके बाद बीएमसी देवनागरी लिपि में साइनबोर्ड ना लगाने पर दुकानों को नोटिस दे रही है. वही देवनागरी लिपि में साइनबोर्ड ना लगाने पर दुकानदार और दुकान में काम कर रहे सारे लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
इस पूरे मामले में 1 लाख तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है. साथ ही दुकान में काम करने वाले सारे लोगों पर भी दो हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. मंगलवार को बीएमसी द्वारा मुंबई के अलग अलग इलाको में कार्रवाई की गई.