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शिवसेना के मुखपत्र सामना में BJP को खुला चैलेंज- 'कहते हैं भगवा उतारेंगे!…प्रयास करके तो देखो!'

सामना के संपादकीय में सवाल किया गया है कि बिहार की जीत से बीजेपी का निश्चित तौर पर कौन-सा झंडा पटना पर लहरा रहा है? विचारों का झंडा एक ही होता है. बिहार पर भगवा लहराएंगे या भगवा फहरा दिया. ऐसा बयान बीजेपी नेताओं ने दिया था, ऐसा याद नहीं आता.

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सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत (फाइल फोटो)
सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिवसेना ने बताया नई ईस्ट इंडिया कंपनी
  • पूछा- पटना में कौन सा भगवा लहरा रहा
  • भगवा उतारने की बात हिंदुत्व का अपमान

शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. सामना के संपादकीय में बीएमसी चुनाव जीतकर मुंबई में शुद्ध भगवा लहराने संबंधी बीजेपी की ओर से आए बयान को लेकर तंज किया गया है. सामना के संपादकीय में लिखा है कि मुंबई जीतने का निश्चय बीजेपी ने किया है. बीजेपी ने ऐसा तय किया है कि इस बार मुंबई महानगरपालिका पर शुद्ध भगवा लहराएंगे. अब यह शुद्ध भगवा मतलब निश्चित तौर पर क्या मामला है?

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संपादकीय में इसे अचेत अवस्था में दिया गया बयान बताते हुए कहा गया है कि बिहार का चुनाव बीजेपी ने जीत लिया है लेकिन उसे जीतने में उनका वैसा दम निकला यह देश ने देखा है. बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस थे. इसलिए जीत का श्रेय मोदी जितना ही फडणवीस को भी जाता है. संपादकीय में सवाल किया गया है कि बिहार की जीत से बीजेपी का निश्चित तौर पर कौन-सा झंडा पटना पर लहरा रहा है? विचारों का झंडा एक ही होता है. बिहार पर भगवा लहराएंगे या भगवा फहरा दिया. ऐसा बयान बीजेपी नेताओं ने दिया था, ऐसा याद नहीं आता. क्योंकि भगवा से उनका वैसे कोई संबंध नहीं है.

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सामना के संपादकीय में लिखा है कि शिवसेना से गठबंधन के बाद बीजेपी का भगवा से संबंध जुड़ा. मुंबई में भगवा तब से लहरा रहा है, जब बीजेपी और शिवसेना साथ नहीं थे. यह भगवा शुद्ध, तेजस्वी और प्रभावी है. यह भगवा छत्रपति शिवाजी महाराज का है. बीजेपी पर तंज करते हुए लिखा है कि उनके यहां कोई शिवाजी की बराबरी का तैयार हो गया होगा और उन्होंने उनका अलग भगवान तैयार किया होगा. यह उनकी समस्या है. शिवाजी के सातारा और कोल्हापुर की गद्दी के वंशज बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन भगवा का स्वामित्व महाराष्ट्र भूमिपुत्रों के पास ही है. यह भगवा उतारकर अलग झंडा लहराना महाराष्ट्र से और छत्रपति शिवाजी से छल होगा. बीएमसी से भगवा उतारने की बात करना मतलब मुंबई से महाराष्ट्र का अधिकार नकारने जैसा ही है. भगवा उतारने का मतलब मुंबई को फिर से पूंजीपतियों का निवाला बनाकर भूमिपुत्रों, श्रमिक, मजदूरों को गुलाम बनाने जैसा ही है.

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सामना में बीएमसी से भगवा उतारने की बात करने को देश के प्रखर हिंदुत्व का अपमान बताते हुए कहा गया है कि जब तक बीएमसी पर भगवा है, तब तक महाराष्ट्र के दुश्मनों के पाशवी हाथ मुंबई की गर्दन तक नहीं पहुंच सकते. मुंबई को पूंजीपतियों की बुटीक बनने से रोकने का काम इसी भगवे ने किया है. मुंबई पर से भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा, वे राजनीति और सार्वजनिक जीवन से हमेशा के लिए नेस्तनाबूत हो गए. भगवा शुद्ध ही है. भगवा को हाथ लगाओगे तो जलकर खाक हो जाओगे. इतिहास के पन्ने-पन्ने में यह दर्ज है. बीएमसी पर नई ईस्ट इंडिया कंपनी का ‘यूनियन जैक’ फहराने की बात करनेवालों को यह भूलना नहीं चाहिए.

 

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