बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी और दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू को इलाज के लिए मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दे दी है. हनी बाबू ने बुधवार सुबह हाई कोर्ट का रुख करते हुए कोरोना से संक्रमित होने के बाद आंख में हुए संक्रमण के लिए चिकित्सीय सहायता की मांग की थी.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हनी बाबू को गुरुवार को पुलिस सुरक्षा में ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए. वहां उनके इलाज और उन्हें दी जाने वाली दवाओं का खर्च वह तथा उनके परिजन उठाएंगे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि परिवार के सदस्यों को अस्पताल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीज और डॉक्टरों के साथ संवाद करने की अनुमति दी जाएगी.
इससे पहले हनी बाबू की ओर से पेश हुए युग चौधरी ने कोर्ट से कहा कि उनके साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया जा रहा है. ब्लैक फंगस का इलाज किया जाना है और उन्हें एमआरआई एंजियो की जरूरत है जो केवल जेजे अस्पताल में है. जीटी अस्पताल में सुविधा नहीं है. कोर्ट ने इस पर सवाल किया कि सरकारी अस्पताल में यह उपकरण क्यों नहीं है, इस पर डॉक्टरों ने कहा कि यह सिर्फ जेजे अस्पताल में है.
गुरुवार को होंगे शिफ्ट
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू पुणे के एल्गार परिषद मामले में आरोपी हैं. कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. हनी बाबू इस महीने की शुरुआत में कोरोना संक्रमित हो गए थे जिसके बाद उन्हें दक्षिण मुंबई में सरकार द्वारा संचालित जीटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद आंख में हुए संक्रमण की वजह से चिकित्सा सहायता की गुहार लगाते हुए हनी बाबू बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे थे. जस्टिस एसजे कत्थावाला और जस्टिस एसपी तावड़े की खंडपीठ ने जीटी अस्पताल के डॉक्टरों को ऑनलाइन कनेक्ट होने को कहा और फिर बाबू को भी कनेक्ट करने का आदेश दिया. जबकि जस्टिस एसजे कत्थावाला ने पूछा कि बाबू को फोन पर लाने में इतना समय क्यों लग रहा है तो उन्हें बताया गया कि एक डॉक्टर पीपीई किट पहने हुए थे और उस क्षेत्र में जाने के लिए सुरक्षा की पूरी तैयारी करनी होती है क्योंकि यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा गया है.
अस्पताल को 9 जून तक देनी होगी रिपोर्टः HC
थोड़ी देर बाद डॉक्टर बाबू के पास फोन लेकर पहुंचे. जीटी अस्पताल के डॉक्टरों ने हनी बाबू से कनेक्टेड फोन सामने रखा और कोर्ट को दिखाया. बाबू ने नीले रंग का मास्क पहना हुआ था और कोर्ट को यह बताने के लिए इसे नीचे किया कि वह बेहतर महसूस कर रहे हैं. कोर्ट ने बाबू से यह भी पूछा कि क्या उनकी आंख भी ठीक हो रही हैं तो उन्होंने हां में जवाब दिया.
ब्रीच कैंडी अस्पताल उनकी चिकित्सा स्थिति पर सीलबंद लिफाफे में हाई कोर्ट में एक रिपोर्ट दाखिल करेगा जब उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा या यदि उन्हें 9 जून तक छुट्टी नहीं मिलती है, तो भी एक रिपोर्ट जमा करानी होगी.