बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप के एक केस की सुनवाई करते हुए आरोपी को पुलिस फंड में 25 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपी के खिलाफ मुंबई के मीरा रोड इलाके में नया नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए.
जस्टिस एएस गडकरी और पीडी नाइक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. आरोपी की ओर से पेश वकील सना रईस खान पेश हुईं. उन्होंने इस मामले में पीड़िता की सहमति से FIR को रद्द करने की मांग की. दरअसल, साल 2021 में दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि 24 वर्षीय आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता की मर्जी के खिलाफ जबरन शारीरिक संबंध बनाए. आरोप था कि आरोपी ने पीड़िता को धमकी देकर उससे 4,39,000 रुपये की मांग की थी.
आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376(2)(N) (शादी का वादा कर शारीरिक संबंध), 420 (धोखाधड़ी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया गया था.पीड़िता ने एडवोकेट सदानंद देसाई के माध्यम से तीन हलफनामे दायर किए, जिसमें कहा गया कि आम दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों के हस्तक्षेप के कारण आरोपी और पीड़िता ने मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है, ताकि वे अपने भविष्य के करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकें.
बेंच ने कहा कि पीड़िता ने कहा कि वह आरोपी के खिलाफ वर्तमान अपराध पर आगे मुकदमा चलाने की इच्छुक नहीं है, वह इस मामले को खत्म करने के लिए अपनी सहमति देती है. पीड़िता भी कोर्ट में मौजूद थी और उसने अपने वकील के माध्यम से तीन हलफनामों को दोहराया.
बेंच ने कहा कि अपराध दर्ज करते समय पीड़िता बालिग नहीं थी. बेंच ने कहा कि हमने एफआईआर को पढ़ा है, इससे पता चलता है कि आरोपी और पीड़िता के बीच संबंधों में खटास आने के बाद केस दर्ज कराया गया था. लेकिन अब पीड़िता ने अब अपनी इच्छा और बिना किसी दबाव या जबरदस्ती के केस को रद्द करने के लिए सहमति दी है.
कोर्ट ने आरोपी को पुलिस फंड में 25,000 रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए. बेंच ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता केंद्रीय पुलिस कल्याण कोष के खाते में निर्धारित अवधि के भीतर उक्त राशि जमा करने में असफल रहता है, तो याचिका को पुनर्जीवित किया जाएगा और उस मामले में जांच को आगे बढ़ाया जाएगा. इस मामले में कोर्ट 24 अप्रैल को फिर से याचिका पर सुनवाई करेगी.
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