बॉम्बे हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई की अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन और एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता को अंतरिम राहत दे दी है. इसके साथ ही अदालत ने उनके खिलाफ जांच पर चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है.
मेनन और उनकी सहयोगी मनु पिल्लई के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत 16 मार्च 2023 को एफआईआर दर्ज की गई थी. इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए दोनों ने अदालत में याचिका दायर की थी. इस याचिका में दावा किया है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर झूठी और निराधार है.
यह एफआईआर आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय कांबले ने अंधेरी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. वह पिछले साल आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि 24 फरवरी को जब वह आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल औ पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ मुंबई जा रहे थे तो उन्होंने उस समय कुप्रबंधन का मुद्दा उठाया था. उस समय पिल्लई ने जाति विरोधी टिप्पणी की थी. कांबले ने इसकी शिकायत मेनन से की थी और पिल्लई के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.
इसके बाद 10 मार्च को कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आम आदमी पार्टी के अंधेरी ऑफिस में एक और बैठक हुई. हालांकि, जब कांबले ने यहां इस मुद्दे को उठाना चाहा तो शर्मा ने उनकी दिमागी हालत पर सवाल उठाए और पिल्लई ने उन पर हमला किया. कांबले को कथित तौर पर ऑफिस से जाने नहीं दिया गया और उनके खिलाफ नारेबाजी की गई.
इसके बाद कांबले की शिकायत पर शर्मा और पिल्लई के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने), 147 (दंगा करने), 500 (मानहानि), 504 (जानबूझकर अपमान करना), 506 (धमकी देना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3 (1) (आर) और 3(1) (एस) के तहत मामला दर्ज किया गया. इसी मामले में अदालत ने दोनों को राहत दी है.