बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने चलती ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से न लेने के लिए रेलवे को फटकार लगाई. याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि रेलवे ने जो सीसीटीवी कैमरा महिला कोच में लगाए हैं उसकी लाइव फुटेज उपलब्ध नहीं है. ऐसे में किसी घटना से कैसे बचा जा सकता है.
ट्रायल के लिए लगे हैं कोच में सीसीटीवी कैमरा
मुंबई रेलवे में फिलहाल 967 सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं. यह कैमरा मुंबई के प्लेटफॉर्म, फुट ओवर ब्रिज पर लगे हुए हैं. ट्रायल के तौर पर पश्चिमी रेलवे की कुछ गाड़ियों के 9 लेडीज कोच में भी सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे. इसके फुटेज को एक दिन बाद डाउनलोड किया जा सकता है.
रेलवे बनाएगी कमेटी
याचिकाकर्ता ने कहा है कि रेलवे इस मामले में तीन महीने से चुप्पी साधे है. उधर रेलवे ने कोर्ट को यह आश्वासन दिया है कि वह इस मामले पर जल्द कमेटी बनाएगी. हालांकि रेलवे ने कोर्ट को यह भी बताया कि चलती ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे कई हेल्पलाइन और एप्लीकेशन की भी सुविधा शुरू कर चुकी है. इस पर कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि अगर किसी महिला को कोई शराबी परेशान कर रहा हो तो क्या वह मदद के लिए अपना फोन निकाल कर, एप्लीकेशन खोजेगी?
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में यह भी कहा कि जो सीसीटीवी कैमरा लगे हैं उनकी गुणवत्ता बेहद खराब है. इससे आपराधियों के चेहरे साफ नहीं दिखेंगे. मौजूदा समय में जो सीसीटीवी कैमरा लगे हैं, वे 1.3 मेगापिक्सल रेजोल्यूशन वाले हैं. कोर्ट ने मामले में रेलवे को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं.