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'बिना इजाजत सोसाइटी में जानवर की कुर्बानी गलत', बकरों को लेकर विवाद के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि बिना इजाजत सोसाइटी में जानवर की कुर्बीनी देना गलत है. कोर्ट ने ऐसा करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार और महानगरपालिका प्रशासन को कड़ा एक्शन लेने का निर्देश दिया है. 

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सोसाइटी में बकरों की कुर्बानी को लेकर बड़ा फैसला (सांकेतिक फोटो)
सोसाइटी में बकरों की कुर्बानी को लेकर बड़ा फैसला (सांकेतिक फोटो)

मुंबई से सटे मीरा रोड स्थित हाउसिंग सोसाइटी में कुर्बानी के लिए लाए गए बकरों को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अहम निर्देश दिया है. कोर्ट ने इसी तरह के एक मामले की सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि बिना इजाजत सोसाइटी में जानवर की कुर्बानी पूरी तरह गलत है.  

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हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि बिना इजाजत सोसाइटी में जानवर की कुर्बानी देना गलत है और ऐसा करने  वालों के खिलाफ राज्य सरकार और महानगरपालिका प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 

कोर्ट ने यह निर्देश मीरा रोड स्थित हाउसिंग सोसाइटी मामले में नहीं दिया है. यह मामला मुंबई की एक दूसरी सोसाइटी से जुड़ा हुआ है. जिसमें जैन समुदाय के लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. दरअसल नाथानी बिल्डिंग में कुर्बानी के लिए 60 बकरे लाए गए थे. जैन समुदाय के लोगों ने इस कुर्बानी पर रोक लगाने के लिए यह याचिका दायर की थी.  

याचिकाकर्ता के वकील ने सोसाइटी परिसर में बकरे की कुर्बानी का विरोध करते हुए कोर्ट में यह याचिका दायर की. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस और बीएमसी को निर्देश दए हैं. इसमें कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सोसाइटी की परमिशन के बिना परिसर में जानवरों की कुर्बानी देना गलत है. अगर कहीं ऐसा किया जा रहा है तो प्रशासन इसमें हस्तक्षेप करे और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे. 

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जेपी इंफ्रा सोसाइटी में कुर्बानी को लेकर बढ़ा विवाद 

बता दें कि मीरा रोड स्थित जेपी इंफ्रा की एस्टेला बिल्डिंग में मोहसिन खान नाम का शख्स बीते मंगलवार को दो बकरे लेकर आ गया था. सोसाइटी के लोगों ने परिसर में बकरों की कुर्बानी पर आपत्ति जताई तो वह अपने लोगों को बुला लाया. वहीं दूसरी ओर हिंदू संगठन के लोग भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने वहां जय श्री राम के नारे लगाए और  हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया. जब विवाद ज्यादा बढ़ गया तो पुलिस ने मोहसिन खान को समझाया कि लोगों की भावनाओं को देखते हुए वह परिसर में बकरे की कुर्बानी नहीं दे सकता, जिसके बाद बुधवार की सुबह वह बकरों को लेकर चला गया.  

सोसाइटी में रहते हैं 250 मुस्लिम परिवार 

इस मामले में बकरा लाने वाले मोहसिन का कहना है कि इस सोसायटी में 200 से 250 मुस्लिम परिवार रहते हैं. हर साल बिल्डर हमें बकरा रखने के लिए जगह देता था, लेकिन इस बार बिल्डर का कहना था कि जगह नहीं है. इसके लिए अपनी सोसाइटी से बात कीजिये. मोहसिन के मुताबिक, सोसाइटी से भी बकरा रखे जाने के लिए जगह मांगी, लेकिन सोसाइटी की ओर से कोई जगह नहीं दी गई.  

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