बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्बन नक्सल आरोपी वरनोन गोंजाल्विस, अरुण फरेरा और सुधा भारद्वाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी. इन तीनों को भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इन पर अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) की धाराएं लगाई गई थीं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक गौतम नवलखा को 15 अक्टूबर तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. साथ ही महाराष्ट्र सरकार को उनके खिलाफ तब तक कोई दंडात्मक कदम न उठाने का आदेश दिया था.
Mumbai: Bombay High Court denies bail to activists Sudha Bharadwaj, Arun Ferreira and Vernon Gonsalves in connection with Bhima Koregaon case. pic.twitter.com/qYMSjYwy3q
— ANI (@ANI) October 15, 2019
अदालत नवलखा के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बंबई हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस के जरिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था.
नवलखा, वरवर राव, अरुण फरेरा, वरनोन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज को 'शहरी नक्सली' बताकर उनके खिलाफ 1 जनवरी, 2018 को मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने इनके नक्सलियों से कथित संपर्क और भीमा कोरेगांव में हुई हिंसापूर्ण घटना में संलिप्तता के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.