14 साल पुराना मालेगांव ब्लास्ट एक बार फिर सुर्खियों में है. इसका कारण ब्लास्ट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित पर एक किताब प्रकाशित होना है. महाराष्ट्र के पुणे जिले के एसपी कॉलेज में किताब के विमोचन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के विरोध में कॉलेज के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया गया. विरोध करने वालों का कहना है कि जब ये केस अदालत में है तो कर्नल पुरोहित पर लिखी किताब का इस तरह विमोचन नहीं किया जाना चाहिए.
कर्नल पुरोहित पर लिखी किताब का नाम 'लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित - द मैन बिट्रेयड' (Lt Colonel Purohit - The Man Betrayed) है. इसे स्मिता मिश्रा ने लिखा है. रविवार को इस किताब के विमोचन का कार्यक्रम पुणे के SP कॉलेज में किया गया. आयोजन के पहले ही मूल निवासी मुस्लिम मंच और भीम आर्मी बहुजन एकता मिशन समेत कई संगठनों कार्यक्रम रद्द करने की मांग की थी, लेकिन कार्यक्रम कैंसिल न होने पर उन्होंने कॉलेज के गेट पर पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन किया.
अदालत में चल रहा है मामला
प्रदर्शन में शामिल मूल निवासी मुस्लिम मंच के अध्यक्ष अंजुम इनामदार ने कहा, 'जब मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमा चल रहा है तो इस तरह की किताब के विमोचन के लिए आयोजन करना अनुचित है. हम कर्नल पुरोहित के खिलाफ विरोध करने यहां (SP कॉलेज) आए हैं.' पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की मेजबानी रक्षा विशेषज्ञ और टेलीविजन डिबेट में शामिल होने वाले मेजर गौरव आर्य (सेवानिवृत्त) ने की. कार्यक्रम में भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी जयंत उमरानीकर भी मौजूद थे.
धमाके में 6 की हुई थी मौत
29 सितंबर, 2008 को मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास बाइक से बंधा विस्फोटक फट जाने से 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे. मालेगांव उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर है. धमाके के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था.
मामले में ये बनाए गए आरोपी
मालेगांव ब्लास्ट केस में बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को आरोपी बनाया गया, जो जमानत पर बाहर हैं.