सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के एक जनरल मैनेजर समेत चार लोगों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में एनएचएआई के अधिकारी और एक निजी कंपनी के तीन अधिकारी शामिल हैं. यह गिरफ्तारी 15 लाख रुपये की रिश्वत के आदान-प्रदान के दौरान की गई. इस मामले में छापेमारी के दौरान सीबीआई ने करीब 1.18 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं.
रिश्वतखोरी और अनियमितताओं का खुलासा
सीबीआई ने 22 मार्च 2025 को इस मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें एनएचएआई के छह वरिष्ठ अधिकारी, एक निजी कंपनी, उस कंपनी के चार अधिकारी और एक अन्य निजी ठेकेदार शामिल हैं. एफआईआर के अनुसार, एनएचएआई के इन अधिकारियों ने निजी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अनुबंध और बिलों के भुगतान में अनियमितता की थी. इसके बदले उन्होंने रिश्वत के रूप में बड़ी धनराशि ली थी.
रिश्वत देने-लेने के दौरान रंगे हाथों पकड़े गए
सीबीआई को इस भ्रष्टाचार की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद उसने जाल बिछाया. 22 मार्च 2025 को जब एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि ने एनएचएआई के जनरल मैनेजर को 15 लाख रुपये की रिश्वत दी, तो सीबीआई की टीम ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया. इस दौरान दो अन्य निजी कंपनी के अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे, जिन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.
नामजद आरोपियों की लिस्ट
एफआईआर में नामजद मुख्य आरोपी इस प्रकार हैं:
-य.बी. सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) एवं क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचएआई, पटना
-राम प्रीत पासवान, जनरल मैनेजर, एनएचएआई, पटना (गिरफ्तार)
-कुमार सौरभ, डिप्टी जनरल मैनेजर, एनएचएआई, पूर्णिया
-ललित कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई, दरभंगा/मुजफ्फरपुर
-अंशुल ठाकुर, साइट इंजीनियर, एनएचएआई, दरभंगा/मुजफ्फरपुर
-हेमेन मेधी, एजीएम, अकाउंट्स, एनएचएआई, पटना
-बरूण कुमार, कर्मचारी, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (गिरफ्तार)
-सुरेश महापात्र, जनरल मैनेजर, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (गिरफ्तार)
-अमर नाथ झा, जनरल मैनेजर, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड
-चेतन कुमार, कर्मचारी, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (गिरफ्तार)
-सत्य नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह, ठेकेदार, मुजफ्फरपुर
-अन्य अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्ति
छापेमारी में मिली भारी नकदी और दस्तावेज
सीबीआई ने इस मामले में बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में आरोपियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों में छापेमारी की. इस दौरान 1.18 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए. सीबीआई ने पुष्टि की है कि मामले की जांच जारी है और इसमें और भी गिरफ्तारियां संभव हैं. एजेंसी रिश्वतखोरी और ठेके से जुड़े अन्य अनियमितताओं की कड़ियां जोड़ने में लगी हुई है.