महाराष्ट्र में बीजेपी ने विश्वास मत भले जीत लिया हो लेकिन राज्य की सरकार कभी धुर विरोधी रहे एनसीपी के समर्थन पर टिकी है. इस बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा है 'महाराष्ट्र में फड़नवीस सरकार कार्यकाल पूरा कर लेगी इसकी गारंटी नहीं दे सकता, प्रदेश में जनता ने किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं दिया है .'
बीजेपी के नए सहयोगी एनसीपी के नेता और पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार कितने दिन टिकेगी यह उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, 'हमने मुद्दों पर समर्थन दिया है. जब तक बीजेपी लोगों के हितों में काम करती रहेगी, हमारा समर्थन जारी रहेगा.' राज्य में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के सवाल पर पवार ने कहा कि इस बात कि कोई संभावना नहीं है. हमने राज्य को एक स्थिर सरकार देने के लिए बीजेपी को समर्थन दिया था, क्योंकि हम नहीं चाहते थे महाराष्ट्र की जनता पर फिर से चुनाव थोपा जाए.
बीजेपी पर अचानक उमड़े इस प्यार के कारण एनसीपी पर आरोप लगे कि समर्थन, एनसीपी नेताओं के ऊपर चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए दिया गया. इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा, 'हमने पिछले 10 साल में इस तरह के कई बेतुके इल्जाम झेले हैं लेकिन अब इस तरह की फिजूल बातें मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा .'
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और विधानसभा में बहुमत साबित करने की प्रक्रिया पर भी विवाद हुआ था. कांग्रेस और शिवसेना ने मतों के विभाजन की मांग की थी लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने ध्वनि-मत के आधार पर बीजेपी सरकार को हरी झंडी दे दी थी. अजित पवार ने कहा 'मत-विभाजन की प्रक्रिया को बीजेपी सरकार ने ठीक तरीके से अंजाम नहीं दिया. बीजेपी का मैनेजमेंट बहुत बुरा था. हमें तो पता भी नहीं चला कब उन्होंने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया.' मत-विभाजन की प्रक्रिया का कांग्रेस और शिवसेना विधायकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. विधायकों के प्रदर्शन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विद्यासागर राव सदन में प्रवेश के दौरान घायल हो गए थे. पांच कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया था.