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महाराष्ट्र: अनिल देशमुख के खिलाफ FIR, संजय राउत ने साधा CBI पर निशाना

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. देशमुख के अलावा और कई अज्ञात लोगों पर पूर्व सीपी परमबीर सिंह के आरोप के मामले में केस दर्ज किया गया है. सीबीआई कई जगहों पर तलाशी भी ले रही है.

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सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की है. (फाइल फोटो)
सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज की है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्व सीपी ने लगाए थे अनिल देशमुख पर आरोप
  • कई ठिकानों पर सीबीआई का सर्च ऑपरेशन
  • सीबीआई ने कई अन्य के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. देशमुख के अलावा और कई अज्ञात लोगों पर पूर्व सीपी परमबीर सिंह के आरोप के मामले में केस दर्ज किया गया है. सीबीआई कई जगहों पर तलाशी भी ले रही है. सीबीआई जिन जगहों पर तलाशी ले रही है, उनमें देशमुख का आवास भी शामिल है. देशमुख पर भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया गया है.

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इससे पहले सीबीआई ने जांच के तहत देशमुख से पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था. सीबीआई ने उनके दो पीए का भी बयान दर्ज किया था. सीबीआई ने परमबीर सिंह का भी बयान दर्ज किया था. इसके अलावा सीबीआई ने गिरफ्तार किए गए पुुलिसकर्मी सचिन वाजे से भी पूछताछ की थी. सचिन वाजे को एनआईए ने कथित तौर पर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी गाड़ी पार्क करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

संजय राउत बोले- CBI का एजेंडा है

अनिल देशमुख पर सीबीआई द्वारा दर्ज किये गए FIR पर संजय राउत ने कहा कि सीबीआई का एजेंडा है. साथ ही हाई कोर्ट का आर्डर है, कानून से ऊपर कोई नहीं है, मुझे लगता है सीबीआई जो कार्रवाई कर रही है उसपर अभी किसी प्रकार का मत व्यक्त करना या टिप्पणी करना किसी के लिए उचित नहीं है. अनिल देशमुख जी ने अपनी सफाई पहले रखी है, अब हाई कोर्ट के पास प्राइमरी रिपोर्ट जानी है. वो हम लोग देख लेंगे, लेकिन अभी मुझे लगता है सीबीआई अपना काम कर रही है.हाई कोर्ट ने अपना काम किया है और महा विकास अघाड़ी अपना काम कर रही है.

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नवाब मलिक ने साधा निशाना

अनिल देशमुख पर दर्ज एफआईआर के मामले में नवाब मलिक ने पलटवार किया है. मलिक ने सीबीआई से सवाल पूछे है. मलिक ने पूछा कि क्या CBI ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी ?  क्या कोर्ट ने FIR दर्ज करने को कहा? इसकी जानकारी नहीं है. अनिल देशमुख ने हमेशा सहयोग किया है. आज जगह-जगह छापेमारी की बात सामने आ रही है. यह FIR राजनीति से प्रेरित है.  एंटीलिया केस में सचिन वाज़े किसने कहने पर काम कर रहा था , यह अब तक नहीं बताया गया.  अनिल देशमुख को बदनाम करने और सरकार को बदनाम करने की साजिश है.  परमबीर सिंह को पुलिस आयुक्त पद हटाने के बाद , राजनैतिक षड्यंत्र है.

बीजेपी की प्रतिक्रिया

देशमुख के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को लेकर बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता मनोज कोटक ने कहा कि अनिल देशमुख अब नहीं बचेंगे. अनिल देशमुख ने जिन लोगों को अपना भागीदार बनाया है  वो भी नहीं बचेंगे. महाराष्ट्र में खराब हुई कानून व्यवस्था के लिए महाविकास आघाड़ी जिम्मेदार है. आनेवाले समय मे और भी मंत्रियों की मुश्किल बढ़ेगी.

किरीट सोमैया ने भी उद्धव सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सीबीआई एक्शन में है. कुछ दिन में उद्धव सरकार को दो हजार करोड़ का हिसाब देना होगा. मुझे उम्मीद है कि ईडी और एसएफआईओ की टीम भी जल्द ही जांच में शामिल होगी.

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परमबीर सिंह ने किया था हाईकोर्ट का रुख

इस मामले में परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट का  रुख किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने परमबीर के आरोपों की जांच सीबीआई को करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अगले 15 दिन की रिपोर्ट देगी जिसके बाद यह फैसला होगा कि अनिल देशमुख पर एफआईआर दर्ज की जाए या नहीं.

बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप के बाद अनिल देशमुख को सूबे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी लिख कर अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप लगाया था. सीएम को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख अपने आवास पर सचिन वाज़े से मुलाकात करते थे. साथ ही उन्होंने हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने की बात कही थी.

शरद पवार ने किया था देशमुख का बचाव

परमबीर सिंह के चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र में सियासी संकट जोर पकड़ने लगा था. अनिल देशमुख विपक्ष के निशाने पर आ गए थे. शुरुआत में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने देशमुख का बचाव किया था और उनके इस्तीफे से इनकार किया था. उन्होंने देशमुख पर लगे आरोप को राजनीति से प्रेरित बताया था. हालांकि विवाद के जोर पकड़ने के बाद देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था.

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