केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को बैंक ऑफ इंडिया को 33.12 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक निजी कंपनी और उसके निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया. FIR में मैसर्स स्पेक्ट्रा मोटर्स लिमिटेड, भारतभूषण रोशनलाल गुप्ता, जयदेव वी गुप्ता, शीला वी गुप्ता का नाम है. सभी स्पेक्ट्रा मोटर्स लिमिटेड में निदेशक हैं.
FIR में आरोपी के रूप में अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों का भी नाम है. आरोपों के मुताबिक, कंपनी ने फर्जी स्टॉक जमा करके 30 करोड़ रुपये का कैश क्रेडिट, 6 करोड़ रुपये का लेटर ऑफ क्रेडिट और 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी ली. आरोपी ने विभिन्न पक्षों के माध्यम से धोखे से लोन राशि का उपयोग किया था, जिनका उक्त निजी कंपनी के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं था. उक्त निजी कंपनी का स्टॉक सितंबर 2017 से अक्टूबर 2017 के दौरान अचानक कम हो गया था. यह भी आरोप है कि एक निजी कंपनी के निदेशकों ने बैंक की जानकारी के बिना स्टॉक को हटा दिया था.
ऐसे में बैंक ऑफ इंडिया को 33.12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 31 मार्च, 2018 को खाते को एनपीए के रूप में घोषित किया गया था. ब्याज न देने और बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण बकाया लोन खाता 31 मार्च, 2018 को 33.12 करोड़ रुपये था.
आरोपियों के मुंबई में चार स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें 63 लाख रुपये (लगभग) बरामद हुए. लॉकर खंगालने पर भारी मात्रा में सोना-हीरा, सोने के बिस्किट और 4 लाख रुपये नकद समेत भारी मात्रा में जेवरात बरामद हुए.