महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) से नाराजगी के चर्चे कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. छगन भुजबल ने एक दिन पहले ही बारामती की जनसम्मान रैली में भी शरद पवार पर जमकर हमला बोला था. शरद पवार को निशाने पर लेने के बाद 24 घंटे के भीतर ही छगन भुजबल उनसे मिलने सिल्वर ओक पहुंच गए तो चर्चा का बाजार गर्म हो गया.
कयास छगन के पालाबदल को लेकर भी लगाए जाने लगे. अब छगन भुजबल ने मुलाकात को लेकर जानकारी दी है कि उनकी किस मुद्दे पर बात हुई. छगन भुजबल ने कहा है कि शरद पवार से उनकी आरक्षण को लेकर बात हुई है. शरद पवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए छगन भुजबल ने कहा कि कहा कि पार्टी की ओर से नहीं, एक विधायक के रूप में उनसे मिलने पहुंचा. शरद पवार आज मुंबई में हैं, ये जानकारी मिली.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में स्थिति बहुत खराब है. मराठा, ओबीसी की दुकान में नहीं जा रहे हैं. भुजबल ने कहा कि शरद पवार बड़े नेता हैं और उनको आगे आकर इसमें रास्ता निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि पवार साहब ने हमसे कहा कि सरकार की मनोज जरांगे और मनोज अहाके के साथ क्या बातचीत हुई है, इसे लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं है.
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने कहा कि हमने इसे लेकर उनसे सीएम एकनाथ शिंदे से बातचीत कर जानकारी लेने का आग्रह किया है. शरद पवार ने ये आश्वासन दिया है कि एक-दो दिन में सीएम से बातचीत कर बैठक करते हैं. उन्होंने राजनीतिक कयासों को खारिज करते हुए कहा कि ओबीसी और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर किसी से भी मिलने जाऊंगा. भुजबल ने ये भी कहा कि जरूरत पड़ी तो राहुल गांधी से भी मिलने को तैयार हूं. छगन भुजबल ने आरक्षण के मुद्दे पर ही एक दिन पहले शरद पवार को घेरा था.
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एक दिन पहले ही शरद पर साधा था निशाना
छगन भुजबल ने एक दिन पहले ही शरद पवार पर जमकर हमला बोला था. छगन भुजबल ने आरक्षण के मुद्दे पर सीएम एकनाथ शिंदे की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से महा विकास अघाड़ी के किनारा करने को लेकर शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बारामती से फोन आने के बाद एमवीए नेता बैठक में शामिल नहीं हुए. छगन भुजबल की ये मुलाकात आरक्षण पर चर्चा और सर्वदलीय बैठक से जुड़ी है या पार्टी के भीतर चल रही उठापटक से जुड़ी है, ये देखना होगा.
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पवार के करीबियों में होती थी भुजबल की गिनती
छगन भुजबल की गिनती कभी शरद पवार के करीबियों में होती थी. अजित पवार की अगुवाई में हुई बगावत के बाद जब एनसीपी दो धड़ों में बंट गई थी, भुजबल भी बागी गुट में शामिल थे. भुजबल का नाम एनसीपी के उन नेताओं में भी था जिन्हें अजित के साथ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी.
छगन भुजबल राज्यसभा चुनाव में पार्टी की ओर से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे थे. सुनेत्रा पवार लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से एनसीपी (अजित पवार) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थीं लेकिन उन्हें सुप्रिया सुले से मात मिली थी.