महाराष्ट्र के ठाणे में बुधवार को बाल कल्याण विभाग ने एक बाल विवाह के होने से रोका है. यहां एक परिवार अपनी 16 साल की बेटी की शादी करने जा रहा था.
दरअसल, पुणे में बाल कल्याण विभाग कार्यालय को एक गुमनाम कॉल आई, इसमें इस विवाह के बारे में सूचना दी गई थी. इसके बाद अधिकारियों ने सोमवार को यहां उल्हासनगर इलाके में विवाह समारोह रोक दिया. नाबालिग लड़की की शादी सोलापुर के रहने वाले 24 साल के युवक से होनी थी.
ठाणे जिला बाल कल्याण अधिकारी रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि सतर्क होने के बाद, बाल कल्याण समिति के अधिकारी उस स्थान पर तेजी से पहुंचे, जहां दोनों पक्षों के परिवार के सदस्य और मेहमान शादी समारोह के लिए इकट्ठे हुए थे। अधिकारियों ने तुरंत से शादी रुकवा दी.
भारत में कानून के मुताबिक शादी के लिए लड़कों की उम्र 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल है. लेकिन इसके बावजूद कई इलाकों में आज भी बाल विवाह जैसी चीज देखने को मिल जाती है. कुछ समय पहले असम में बाल विवाह के खिलाफ लगातार एक्शन हुआ को कुल 2,789 लोग गिरफ्तार हुए थे.
बता दें कि असम पिछले कई सालों से बाल विवाह की कुरीति से जूझ रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह बाल विवाह है. इसके बाद कैबिनेट ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया था. इसके तहत 14 साल से कम उम्र के लड़का या लड़की से शादी करने के आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाने लगी.