लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास होने से जहां भारतीय जनता पार्टी गदगद है, वहीं कांग्रेसी खेमे में स्थिति सामान्य नहीं है. महाराष्ट्र में कांग्रेस के समर्थन से जो शिवसेना सरकार चला रही है, उसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर हुई वोटिंग में मोदी सरकार का समर्थन किया है. ऐसा तब हुआ है जब कांग्रेस इस बिल का पुरजोर विरोध कर रही है और संविधान के खिलाफ बता रही है.
कांग्रेस सूत्रों ने आजतक को बताया है कि लोकसभा में नागरिकता बिल का समर्थन करने वाले शिवसेना के कदम से पार्टी खुश नहीं है. इतना ही नहीं, कांग्रेस की तरफ से शिवसेना को बाकायदा इस बारे में संदेश भी भेज दिया गया है कि कांग्रेस संविधान के मूल सिद्धांतों पर समझौता करने वाली नहीं है.
कांग्रेस के इस कड़े रुख के बाद शिवसेना ने नागरिकता बिल पर अपना रुख बदल लिया है. लोकसभा में समर्थन करने के बाद अब शिवसेना राज्यसभा में बिल का विरोध करेगी.
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
बताया जा रहा है कि कांग्रेस का रुख देखकर ही उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को स्टैंड सामने रखा है. उद्धव ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा है कि कोई भी जो बिल से असहमत है, वह देशद्रोही है, यह उनका भ्रम है. ठाकरे ने कहा है कि हमने नागरिकता संशोधन विधेयक में बदलाव के लिए सुझाव दिया है. ठाकरे ने कहा कि अगर कोई नागरिक इस विधेयक से भयभीत है तो सरकार को उसके संदेह को दूर करना चाहिए. ऐसे सवालों को उठाते हुए ठाकरे ने कहा कि हम चीजों के स्पष्ट होने तक विधेयक (नागरिकता संशोधन विधेयक) को समर्थन नहीं देंगे.
बता दें कि 9 दिसंबर की आधी रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग हुई, जिसके पक्ष में 311 वोट जबकि विरोध में 80 वोट पड़े. इस तरह नागरिकता बिल लोकसभा पास हो गया. दिलचस्प बात ये है कि जो शिवसेना बीजेपी से अलग होकर कांग्रेस से गठजोड़ कर चुकी है, उसने भी लोकसभा में नागरिकता बिल के समर्थन में वोटिंग की. लेकिन अब कांग्रेस के सख्त रुख से शिवसेना ने राज्यसभा में बिल का विरोध करने का फैसला किया है.