महाराष्ट्र में किसानों का विरोध तेज हो गया है. इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने किसानों की मांग मान ली हैं और वे अपना आंदोलन खत्म कर दें. सीएम ने कहा- आदिवासी किसानों के नाम पर जमीन किए जाने को लेकर सरकार ने एक कमेटी बनाई है जो एक महीने में अपना फैसला देगी. प्याज किसानों को ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा. मोर्चा की मांगों को तुरंत पूरा किया जाएगा. अधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया गया है.
सीएम ने कहा- वन अधिकार अधिनियम पर दावों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी. सीपीएम के पूर्व विधायक जेपी गावित और वर्तमान सीपीएम विधायक विनोद निकोल इस कमेटी का हिस्सा होंगे. यह कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. सीएम का कहना था कि जेपी गावित के नेतृत्व में लॉन्ग मार्च निकाला गया, हमने उनसे बात की. 14-15 मुद्दे थे और उनमें से कुछ पर निर्णय लिए गए. फैसलों का क्रियान्वयन भी होगा, इसलिए मैं जेपी गावित और उनके सहयोगियों से अपना आंदोलन वापस लेने का अनुरोध करता हूं.
प्याज पर 50 रुपए प्रति क्विंटल सब्सिडी बढ़ाई
शिंदे ने कहा- प्याज किसानों को अब 350 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी मिलेगी. यह 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है. सीएम ने पहले ही 300 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने की घोषणा की थी. शिंदे ने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिया है और लॉन्ग मार्च के आयोजकों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है.
'24 घंटे में धरातल पर दिखेंगी घोषणाएं'
2018 और 2020 की कर्जमाफी योजनाओं में जिन आदिवासियों को कृषि ऋण माफी का लाभ नहीं मिला था, उन्हें अब लाभ पाने वाली योजनाओं में शामिल किया जाएगा. शिंदे ने कहा कि इन सभी कामों का क्रियान्वयन शनिवार से धरातल पर शुरू हो जाएगा.
महाराष्ट्र में बिल्डरों और ठेकेदारों की सरकार: आदित्य
वहीं, किसानों के आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है. आदित्य ने कहा कि यह लोगों की नहीं, बल्कि बिल्डरों और ठेकेदारों की सरकार है. 263 करोड़ रुपए की योजना है और इसके खिलाफ CPD विभाग ने टेंडर निकाला है. BMC का संचालन CMO कर रहे हैं. यह सरकार कई घोटाले चला रही है और इन घोटालों को लोगों के सामने आना चाहिए.
आदित्य ने आगे कहा- 3-6 महीनों में हमने बीएमसी के विभिन्न घोटालों को सामने लाया, इसमें कोई मेयर और नगरसेवक नहीं है और यह अपने आप चल रहा है. हम सरकार का एक और घोटाला सामने ला रहे हैं. यहां हमने जो सवाल पूछे हैं, उनका जवाब नहीं है, उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है.
क्या है पूरा मामला
महाराष्ट्र में किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. करीब 5 हजार किसानों ने मंगलवार को उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले से तमाम मांगों को लेकर पैदाल मार्च शुरू किया. इनमें ज्यादातर किसान आदिवासी बेल्ट से हैं जो वन भूमि अधिकार और अन्य किसान संबंधित मुद्दों पर राहत की मांग कर रहे हैं. इन मांगों में प्याज उत्पादकों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की तत्काल वित्तीय राहत, 12 घंटे के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि लोन माफ करना आदि शामिल है. ये मार्च नासिक जिले के डिंडोरी से शुरू हुआ और मुंबई तक लगभग 203 किमी की दूरी तय करेगा. किसानों का मार्च शुक्रवार रात तक मुंबई पहुंचेगा. अधिकांश किसानों की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है. इनमें कई तो 70 से भी ज्यादा उम्र के हैं.