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महाराष्ट्र: 'हमने कोई गलत काम नहीं किया', BJP के साथ सरकार बनाने पर बोले एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के विधायकों ने बगावत करके गुवाहाटी में डेरा डाल दिया था. शिंदे की शर्त थी कि उद्धव ठाकरे एनसीपी-कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाएं. उनका कहना था कि इन दोनों पार्टियों के साथ गठबंधन पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता है लेकिन उनकी नहीं सुनी गई. बाद में शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.

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सीएम शिंदे ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर रखा पक्ष (फाइल फोटो)
सीएम शिंदे ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर रखा पक्ष (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में 9 दिन तक चला था सियासी घमासान
  • देवेंद्र फडणवीस अंतिम समय में बने डिप्टी सीएम

महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे ने आजतक से बात करते हुए कहा कि लोग विपक्ष से सत्ता की ओर जाते हैं लेकिन कई मुद्दों पर एकमत न होने के कारण मैंने और मेरे साथियों ने सत्ता छोड़ दी. अब हम लोग हमारी विचारधारा, बालासाहेब का हिंदुत्व और क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर काम करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. मालूम हो कि महाराष्ट्र में 9 दिनों तक चले सियासी घमासान के बाद गुरुवार को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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बीजेपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले शिवसेना और बीजेपी के साथ गठबंधन होता था. बीजेपी के साथ हमारा नैचुरल अलायंस है. हमने भी वही रास्ता अपनाया है. हमने कोई गलत रास्ता नहीं अपनाया. हमारे पास 50 विधायक हैं बीजेपी के पास 115 से 120 विधायक हैं. कुल 170 से ज्यादा विधायक हैं. दो तिहाई लोग हमारे साथ हैं. 

सरकार को बाहर से सपोर्ट करना चाहते थे फडणवीस

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस चाहते थे कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूं और वह मंत्रिमंडल से बाहर कर सरकार को सपोर्ट करेंगे लेकिन हम सभी चाहते थे कि वह मंत्रिमंडल में रहें ताकि प्रदेश को एक मजबूत सरकार मिले. जब मैं उनके घर पर था कि जब उन्हें आलाकमान से मैसेज आया, जिसके बाद उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.

MVA सरकार में अपने क्षेत्र में विकास नहीं करवा पा रहे थे विधायक

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सीएम शिंदे ने आजतक को बताया कि MVA सरकार में होने के बाद भी हमारे विधायक अपने क्षेत्र में काम नहीं करवा पा रहे थे. उन्हें काम कराने के लिए फंड नहीं दिया जा रहा था. महाविकास अघाड़ी सरकार के कुछ लोग उनके खिलाफ काम कर रहे थे, इसलिए उन्होंने सत्ता से बाहर रहना का फैसला किया. अब हमने बीजेपी के साथ मिलकर एक मजबूत सरकार बनाई है. बालासाहेब के हिंदुत्व को आगे बढ़ा रहे हैं. सभी विकासकार्यों को समय पर पूरा करेंगे.

पैसों के लेन-देन के आरोप बेबुनियाद

सीएम शिंदे ने पैसों के बल पर विधायकों ने अपने साथ लाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी विधायक मेरे साथ हैं, उन्हें 3-4 लाख लोगों ने चुना है. उनकी अपने क्षेत्र में बेहतरीन पकड़ है. ढाई साल सरकार में रहकर उन्होंने काम सीखा है. अब वे लोग नई सरकार में बेहतर काम करेंगे. 

हिंदुत्व के नाम पर अलग हो गए थे शिंदे 

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की इस पूरी लड़ाई में हिंदुत्व और बाला साहेब की चर्चा ही दिखाई दी. सीएम बनने से पहले देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान भी उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव सरकार बाला साहेब के हिंदुत्व से समझौता कर रही है.

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देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि वो सत्ता के लालच में नहीं बल्कि हिंदुत्व के मुद्दे पर एकनाथ शिंदे को समर्थन दे रहे हैं. इससे पहले शिंदे गुट के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे सरकार में शिवसेना विधायकों की सुनवाई नहीं होती है, जबकि कांग्रेस और एनसीपी के विधायक उद्धव से सीधे मिल सकते हैं. 

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