महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चर्चाओं के बीच डिप्टी सीएम अजित पवार ने शनिवार को पुणे में बड़ा बयान दिया है. अजित ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए. राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं और वो अच्छा काम कर रहे हैं. हम दोनों (अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस) इस कुर्सी की चाहत क्यों रखेंगे. वे यहां चांदनी चौक मल्टी लेवल ब्रिज के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
बता दें कि एक दिन पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया था कि दोनों उपमुख्यमंत्री सीएम की कुर्सी पर नजर गड़ाए हुए हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दल शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी और एनसीपी (अजित गुट) राज्य के खजाने को 'लूटने' की होड़ में लगे हैं. पटोले का कहना था कि इस सरकार में एक मंत्री छह जिलों का संरक्षक मंत्री है. 36 जिलों के लिए 19 अभिभावक मंत्री नियुक्त किए गए हैं. इसका मतलब है कि 17 जिलों में अभी भी पूर्णकालिक संरक्षक मंत्री नहीं है.
'सीएम की सीट पर पहले से कब्जा...'
पुणे में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सरकार में अनबन के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. अजित ने कहा, यह बेवजह अफवाह फैला दी गई कि अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस की नजर सीएम की कुर्सी पर है. सीएम की एक ही सीट है. उस पर पहले से कब्जा है तो हम दोनों इसकी चाहत क्यों रखेंगे? वैसे भी सीएम शिंदे अच्छा काम कर रहे हैं. हम तीनों ही विकास कार्यों में लगे रहने वाले नेता हैं. हमें आपस में जो आवंटित किया गया है उससे संतुष्ट हैं. पत्रकारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
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पुणे में मेट्रो को लेकर बैठक की, शरद को लेकर सफाई दी
अजित पवार ने पुणे काउंसलिंग हॉल में मेट्रो को लेकर बैठक की. उन्होंने मेट्रो अधिकारियों के साथ विभिन्न मसलों पर चर्चा की. वहीं, VSI की बैठक में शामिल नहीं होने पर अजित ने सफाई दी है. इस बैठक में शामिल होने के लिए एनसीपी चीफ शरद पवार पहुंचे थे. मीटिंग का न्यौता अजित पवार को भी दिया गया था. अजित ने शरद पवार की बैठक में ना जाने की वजह बताई. उन्होंने कहा, यह चर्चा करना उचित नहीं है कि मैं वहां इसलिए नहीं गया, क्योंकि शरद पवार मौजूद थे. मेरे ना रहने से मीटिंग नहीं रुकेगी. मैं वहां नहीं गया, क्योंकि मेरी पुणे मेट्रो के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक थी. इस बार अजित ने नवाब मलिक पर बात करने से इन्कार किया है.
और क्या कहा था नाना पटोले ने...
- कांग्रेस नेता पटोले ने स्वतंत्रता दिवस पर जिला मुख्यालयों पर तिरंगा फहराने के लिए नियुक्त मंत्रियों की सूची का जिक्र किया और कहा- सरकार इस बात को लेकर असमंजस में है कि 15 अगस्त को ध्वजारोहण कौन करेगा? सरकार ने पहले घोषणा की थी कि ध्वजारोहण अभिभावक मंत्री की अनुपस्थिति में जिला मजिस्ट्रेटों और आयुक्तों द्वारा किया जाएगा, लेकिन इसमें बदलाव करना पड़ा.
- दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की नजर सीएम की कुर्सी पर है. सरकार में भ्रम और पूर्ण अराजकता है. तीन दलों की सरकार को जनता के मुद्दों की जरा भी चिंता नहीं है. प्रशासन काम नहीं कर रहा है और तहसीलदार स्तर के अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जा रहे हैं.
- यह राज्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है. प्रशासन पर सरकारी नियंत्रण की कमी के कारण भ्रष्टाचार आसमान छू रहा है. महाराष्ट्र दोहरी बुआई के संकट से जूझ रहा है. पहले अत्यधिक वर्षा हुई और अब बिल्कुल भी वर्षा नहीं हो रही है. खरीफ की फसलें खतरे में हैं. जबकि जनता पीड़ित है. उनके लिए कुछ करने के बजाय, तीन दलों के बीच प्रतिस्पर्धा है कि कौन सरकारी खजाने को ज्यादा लूट सकता है.
- पटोले ने ठाणे में एक अस्पताल में एक ही दिन में पांच मरीजों की मौत के आरोपों का जिक्र किया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, यह सीएम के शहर में हुआ. हालांकि, अस्पताल ने आरोपों से इनकार किया है. पटोले ने दावा किया कि महाराष्ट्र का स्वास्थ्य बजट उसके सकल राज्य घरेलू उत्पाद का सिर्फ 1 प्रतिशत है. इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
- राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं खराब हो रही हैं. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और दवाओं की कमी है. दूसरी ओर सरकार सिर्फ विज्ञापन दे रही है. आम लोगों को बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. यह केवल मुट्ठी भर लोगों की सरकार है.